Agriculture News: पानी की कमी से परेशान किसानों के लिए वरदान बनी DSR विधि, जानिए कैसे करें सीधे धान की बुआई

Agriculture News: उत्तर प्रदेश का विंध्य क्षेत्र, विशेषकर मिर्जापुर जिला, सिंचाई की भारी समस्या से जूझ रहा है। यहां का इलाका पठारी और पहाड़ी होने के कारण किसानों के लिए खेती को बाधा में डाल देता है। पारंपरिक धान की खेती, जिसमें पानी की भरपूर जरूरत होती है, अब किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। इसी संकट का समाधान लेकर डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) विधि आई है। DSR Method
उप निदेशक कृषि विकेश सिंह पटेल ने कहा कि किसानों को परंपरागत नर्सरी पद्धति के स्थान पर नई तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। खेत में सीधी बुआई के लिए डायरेक्ट सोवन राइस पद्धति से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि अच्छी पैदावार भी होती है। Dhan ugane ki nai vidhi
नर्सरी के लिए अलग से पानी का प्रयोग नहीं करना पड़ता, जिससे पानी की बचत होती है और मेहनत भी कम लगती है। डीएसआर पद्धति अपनाने से किसान नर्सरी लगाने की प्रक्रिया से बच जाते हैं। इस तकनीक में पानी कम लगता है और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। मिर्जापुर जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में यह तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। DSR vidhi
किसान बीज भंडारों से प्रमाणित बीज प्राप्त कर इस पद्धति से बुआई कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार किसान अगर नर्सरी लगाते हैं, तो सिंचाई दिन के बजाय रात या शाम को करनी चाहिए। रात में पानी देने से खेत में नमी बनी रहती है, जिससे पौधों को नुकसान नहीं पहुंचता। वहीं, दिन में गर्मी होने के कारण पानी गर्म होकर फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। UP Kisan news