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Agriculture News: कम लागत में छप्परफाड़ होगी कमाई! इस राज्य में अंजीर की खेती पर मिल रही बंपर सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ

बिहार में अब किसान पारंपरिक खेती के बजाय बागवानी फसलों, विशेषकर अंजीर की खेती (Fig Farming) की ओर रुख कर रहे हैं। यह न सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं से कम प्रभावित होती है, बल्कि कम लागत में अधिक मुनाफा भी देती है। बिहार सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए 'अंजीर फल विकास योजना' शुरू की है, जिसके तहत किसानों को 40% तक की सब्सिडी मिल रही है।
 
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Agriculture News: कम लागत में छप्परफाड़ होगी कमाई! इस राज्य में अंजीर की खेती पर मिल रही बंपर सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभबिहार में अब किसान पारंपरिक खेती के बजाय बागवानी फसलों, विशेषकर अंजीर की खेती (Fig Farming) की ओर रुख कर रहे हैं। यह न सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं से कम प्रभावित होती है, बल्कि कम लागत में अधिक मुनाफा भी देती है। बिहार सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए 'अंजीर फल विकास योजना' शुरू की है, जिसके तहत किसानों को 40% तक की सब्सिडी मिल रही है।

अंजीर उत्पादन में भारत का 12वां स्थान है। इसका व्यावसायिक उत्पादन मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु तथा पश्चिमी कोयंबटूर तक ही सीमित है। लेकिन अब बिहार में भी इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। 

‘अंजीर फल विकास योजना’ के तहत राज्य सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए बंपर सब्सिडी देती है। कृषि विभाग ने किसानों से आवेदन लेना शुरू कर दिया है। किसान अंजीर की खेती (Anjeer ki Kheti) को लेकर काफी उत्साहित हैं, जो कम लागत में काफी मुनाफा देती है। किसान पारंपरिक फसलों की तुलना में बागवानी फसलों को उगाकर अधिक लाभ कमा सकते हैं।

अक्सर पारंपरिक खेती में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारी कीमत चुकानी पड़ती थी। हर साल प्रकृति की गड़बड़ी के कारण खरीफ और रबी की फसलों में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में अंजीर की खेती किसानों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।

बिहार सरकार के कृषि विभाग के अनुसार, 'अंजीर फल विकास योजना' का मुख्य उद्देश्य अंजीर की खेती को बढ़ावा देना है, जिससे राज्य में फसल का क्षेत्रफल और पैदावार बढ़ेगी और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने अंजीर की खेती की और अनुदान प्राप्त किया। अंजीर विकास योजना का विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया गया है।

बताया जाता है कि एक हेक्टेयर में करीब 625 पौधे लगाए जाते हैं और ये पौधे विभाग की ओर से ही दान किए जाते हैं। फिलहाल किसानों से आवेदन लिए जा रहे हैं। चूंकि लक्ष्य कम है, इसलिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों को लाभ दिया जाएगा।

इसी वजह से किसानों को 40 फीसदी यानी 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। अनुदान राशि दो किस्तों में वितरित की जाती थी। पहले साल 60 फीसदी अनुदान और दूसरे साल 80 फीसदी पौधे जीवित रहने पर 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है। पहले साल 30 हजार डॉलर का अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार दूसरे और तीसरे वर्ष में 10,000-10,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 हेक्टेयर (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 10 हेक्टेयर (4 हेक्टेयर) के लिए दिया जाएगा। इस योजना का लाभ केवल रैयत किसान ही भूमि के कागजात (भूमि स्वामित्व/राजस्व रसीद) के लिए उठा सकते हैं। यदि आवेदक का नाम भूमि स्वामी/राजस्व रसीद पर ज्ञात नहीं है, तो वंशावली का मिलान भूमि स्वामी/राजस्व रसीद से करना अनिवार्य है। 

इच्छुक किसान आवेदन करने से पहले डीबीटी पंजीकृत बैंक खाते से संबंधित विवरण स्वयं जांच लें। 78.56% लाभार्थी सामान्य वर्ग से, 20% अनुसूचित जाति से और 1.44% अनुसूचित जनजाति से चुने जाएंगे और प्रत्येक वर्ग में महिलाओं की 30% भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

राज्य में अंजीर का क्षेत्रफल 32 जिलों तक फैल चुका है- पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई, जहानाबाद और अरवल।

अंजीर की खेती बेहद आसान और कम खर्चीली है। इस फसल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पौधे का तना टूटने पर भी उसमें से नए अंकुर निकल आते हैं। पौधे के मरने का खतरा नहीं रहता। तीन साल बाद फल देना शुरू किया। अगर एक पौधे से 3 से 4 किलो फल मिलता है तो यह फसल काफी उपयोगी होगी।

ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसानों को सबसे पहले राज्य सरकार की वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाना होगा। आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद किसानों को योजना का विकल्प चुनना होगा। यहां आपको अंजीर फल विकास योजना पर क्लिक करना होगा। इसके बाद अंजीर की खेती के लिए सब्सिडी मांगी गई है। यहां क्लिक करते ही आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। इसके बाद मांगी गई सभी जानकारियों को ध्यान से और सही-सही भरें। सभी जानकारियां भरने के बाद आपका आवेदन सफलतापूर्वक भेज दिया जाएगा।