इन नस्लों के बकरी पालन से बढ़ सकती हैं आय, यहां देखें एक से बढ़कर एक नस्ल
Kisan News : बकरी पालन बिहार के किसानों के लिए एक लाभकारी और स्थिर आय का स्रोत बन सकता है, यदि सही नस्ल का चयन किया जाए। बिहार में बकरी पालन से जुड़ी जानकारी और मार्गदर्शन के अनुसार, यहां कुछ खास नस्लों को पाला जा सकता है जो मांस और दूध दोनों उत्पादन के लिए उपयोगी हैं। आइए जानते हैं, बिहार के किसान किस प्रकार बकरी पालन के जरिए अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
1. ब्लैक बंगाल बकरी
इस नस्ल की बकरी को मांस उत्पादन के लिए बहुत ही उम्दा माना जाता है। इसका शरीर कम खर्च में अच्छा विकसित हो जाता है और इसे पालन करने पर अच्छी मांस प्राप्ति होती है। बिहार में इस नस्ल के पालन से आर्थिक दृष्टिकोण से काफी लाभ हो सकता है, क्योंकि बिहार के मटन की डिमांड पूरी दुनिया में है।
2. बरबरी बकरी
इस नस्ल का पालन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किया जाता है और इसे मांस के दृष्टिकोण से पाला जाता है। बिहार के किसान भी इस नस्ल का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर बिहार के किसान इस नस्ल का पालन करें, तो वे मांस उत्पादन से बेहतरीन आय प्राप्त कर सकते हैं।
3. जमुनापारी बकरी
यह नस्ल मुख्य रूप से दूध के लिए पाली जाती है, लेकिन मांस के लिए भी यह उपयुक्त है। एक जमुनापारी बकरी दिन में 2 से 2.5 लीटर दूध देती है। बिहार के किसान इस नस्ल का पालन करके अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त कर सकते हैं। यह एक बेहतरीन दूध उत्पादन नस्ल है।
4. सिरोही बकरी
सिरोही नस्ल का पालन राजस्थान में होता है, लेकिन बिहार में भी इसका पालन किया जा सकता है। यह नस्ल दूध और मांस दोनों के लिए उपयुक्त है। बिहार में इस नस्ल का पालन कर किसान अतिरिक्त आय कमा सकते हैं, विशेष रूप से छोटे स्तर पर पालन करने वाले किसानों के लिए यह उपयुक्त है।
बकरी पालन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
बकरियों की देखभाल और पालन काफी सरल होता है, खासकर अगर उपयुक्त नस्ल का चयन किया जाए। बकरी पालन में अन्य पशुपालन की तुलना में कम खर्च आता है, जिससे किसानों के लिए यह एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। बकरी पालन में समय और श्रम की कम आवश्यकता होती है, जो छोटे किसानों के लिए आदर्श है। बिहार में मटन की भारी मांग है, जिससे बकरी पालन से किसानों को अच्छा लाभ हो सकता है।