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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: किसानों के लिए बड़ी राहत, सरकारी खरीद की घोषणा

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के बीच किसानों के लिए राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने धान, बाजरा, मूंग और मक्का की सरकारी खरीद की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह कदम किसानों के लिए महत्वपूर्ण है और चुनावी माहौल में इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है।
 
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: किसानों के लिए बड़ी राहत, सरकारी खरीद की घोषणा

Haryana Assembly Elections : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के बीच किसानों के लिए राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने धान, बाजरा, मूंग और मक्का की सरकारी खरीद की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह कदम किसानों के लिए महत्वपूर्ण है और चुनावी माहौल में इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है।

सरकारी खरीद की तारीखें और विवरण

शुरूआत: 23 सितंबर 2024
समाप्ति: 15 नवंबर 2024
अनुमानित खरीद: 84 लाख टन
मंडिया और खरीद केंद्र: 241

बाजरा और मूंग की खरीद:

शुरूआत: 1 अक्टूबर 2024
समाप्ति: 15 नवंबर 2024

मक्का की खरीद:

शुरूआत: 20 सितंबर 2024
समाप्ति: 15 नवंबर 2024

किसानों के लिए लाभ

सरकारी खरीद केंद्रों की व्यवस्था: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा के अनुसार, धान की खरीद के लिए 241 मंडियां और खरीद केंद्र खोले गए हैं। यह व्यवस्था किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी प्रदान करेगी।
प्रभावी समर्थन मूल्य: सरकारी खरीद से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने का मौका मिलेगा, जो उन्हें मौजूदा बाजार भाव से अधिक लाभ पहुंचा सकता है।
फसल विविधता: बाजरा, मूंग और मक्का की खरीद की तारीखें भी घोषित की गई हैं, जिससे किसान अपनी विभिन्न फसलों की बिक्री की योजना बना सकेंगे।

चुनावी माहौल में असर

राजनीतिक लाभ: किसानों के लिए यह घोषणा चुनावी मौसम में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सरकार को किसान वर्ग में सकारात्मक छवि बनाने का अवसर मिलेगा, जो चुनावी जीत की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।
सामाजिक समर्थन: किसानों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान देना और उनकी फसलों की खरीद की व्यवस्था करना सामाजिक समर्थन को मजबूत कर सकता है।

हरियाणा सरकार की यह पहल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जो चुनावी माहौल में राज्य की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकती है। सरकारी खरीद की तारीखों की घोषणा किसानों को अपनी फसल की बिक्री की सही योजना बनाने का मौका देती है, और इससे राज्य के कृषि क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि की उम्मीदें बढ़ी हैं।