हरियाणा में मूंग की खेती करने वाले किसानों की हुई मौज! मूंग बीज पर सरकार देगी 75% सब्सिडी
हरियाणा में गेहूं की कटाई का मौसम आने वाला है, और इसके बाद चावल की कटाई तक खेतों में लगभग 2 से 2.5 दिन का अंतर रहता है। इस समय का फायदा किसान अन्य फसलें उगाकर उठा सकते हैं। गेहूं की कटाई के बाद किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल लगा सकते हैं, जो मात्र 60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। मूंग की खेती से किसानों को न केवल अच्छी आय मिल सकती है, बल्कि कृषि विभाग द्वारा मूंग के बीज पर विशेष अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।
Haryana News: हरियाणा में गेहूं की कटाई का मौसम आने वाला है, और इसके बाद चावल की कटाई तक खेतों में लगभग 2 से 2.5 दिन का अंतर रहता है। इस समय का फायदा किसान अन्य फसलें उगाकर उठा सकते हैं। गेहूं की कटाई के बाद किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल लगा सकते हैं, जो मात्र 60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। मूंग की खेती से किसानों को न केवल अच्छी आय मिल सकती है, बल्कि कृषि विभाग द्वारा मूंग के बीज पर विशेष अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।
जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. कर्म चंद ने बताया कि यदि किसान भाई गेहूं की कटाई के बाद ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करना चाहते हैं तो उन्हें हरियाणा सरकार व कृषि विभाग द्वारा मूंग का बीज लागत के 25 प्रतिशत पर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसका मतलब है कि किसानों को मूंग के बीज खरीदने पर 75% सब्सिडी का लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी किसान भाई ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करना चाहता है। आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. एक किसान को अधिकतम 3 हेक्टेयर तक की खेती के लिए बीज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। एक हेक्टेयर में 10 किलो मूंग के बीज बोये जाते हैं। ऐसे में विभाग की ओर से एक किसान को 30 किलो तक मूंग का बीज सब्सिडी पर दिया जाएगा।
मूंग खरीद पर सब्सिडी का लाभ उठाने के इच्छुक किसान कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल agriharyana.gov.in पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं। इसके साथ ही मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण भी अनिवार्य है। हरियाणा बीज विकास निगम की दुकानों से केवल पंजीकृत किसानों को ही सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से ओटीपी भेजकर किसानों की प्रामाणिकता की पुष्टि की जाएगी। ओटीपी सत्यापन के बाद ही किसान बीज सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। किसान भाई इसके लिए 20 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। चाहे किसान भाई सब्सिडी पर बीज लेते हों। फसल कटाई से पहले विभाग की टीम उनके खेत पर जाकर फसल का सत्यापन करेगी और फिर योजना का लाभ देगी।