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Pink Bollworm : कपास की फसल को गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) से बचाने का इलाज, ऐसे करे रोकथाम और नियंत्रण

 
Pink Bollworm

Khelo Rajasthan खेती-बाड़ी : भारत में कपास की फसल को गुलाबी सुंडी के आक्रमण का सामना करना पड़ रहा है, जिससे फसल की गुणवत्ता में हानि हो रही है और किसानों को आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है। गुलाबी सुंडी, जिसे पिंक बॉलवर्म भी कहते हैं, कपास की फसल के फूलों और बोलों पर आक्रमण करती है। इसके अंडे हल्के गुलाबी और बैंगनी रंग के होते हैं और ये नए विकसित पत्तियों और कलियों पर दिखाई देते हैं। गुलाबी सुंडी की लार्वा फूलों में घुस जाती है और फसल के बीजों को खाती है, जिससे फसल की गुणवत्ता में कमी होती है।

गुलाबी सुंडी के प्रकोप के कारण

गुलाबी सुंडी के प्रकोप का मुख्य कारण है अनुवांशिक रूप से प्रतिरोधीता कम होना। अधिकांश किसान जेनेटिकली मॉडिफाइड कपास (Bt Cotton) बोते हैं, जिनमें एक जीन होता है जो गुलाबी सुंडी के खिलाफ प्रतिरोधीता प्रदान करता है। लेकिन समय-समय पर गुलाबी सुंडी की प्रतिरोधीता बढ़ जाती है और इससे फसल पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के उपाय

गुलाबी सुंडी के इलाज के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1. बायोकंट्रोल का उपयोग
प्राकृतिक दुश्मन कीटों का प्रयोग करके गुलाबी सुंडी को नियंत्रित किया जा सकता है। ट्रिचोग्रामा चिल्डोरमा और ट्रिचोग्रामा ब्रसिकूर जैसे कीट गुलाबी सुंडी के खिलाफ प्रतिरोधीता प्रदान करते हैं।

2. फेरोमोन ट्रैप का उपयोग
फेरोमोन ट्रैप के द्वारा गुलाबी सुंडी के प्रकोप की निगरानी की जा सकती है। यह ट्रैप गुलाबी सुंडी के पौधों की गिनती करने में मदद करते हैं और नियंत्रण के लिए सहायक होते हैं।

3. जैविक उपचार
नीम ऑयल और गाँधीनी नीम का उपयोग कपास के पौधों पर स्प्रे करके गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

4. कीटाणुनाशकों का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल
कीटाणुनाशकों का सावधानीपूर्वक और व्यावसायिक रूप से उपयोग करने से फसल के साथ ही उपयोगकर्ता और पर्यावरण को भी हानि पहुंच सकती है, इसलिए इनका सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।

महत्वपूर्ण बातें
गुलाबी सुंडी की आक्रमण से कपास की फसल की गुणवत्ता और किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। इसके नियंत्रण के लिए प्राकृतिक और जैविक उपायों का सही तरीके से इस्तेमाल करना आवश्यक है। किसानों को गुलाबी सुंडी के नियंत्रण में सहायता प्रदान करने के लिए सरकारी योजनाओं का भी उपयोग करना चाहिए।

गुलाबी सुंडी के इलाज में विभिन्न प्राकृतिक और जैविक उपाय हैं जो फसल की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं। कीटाणुनाशकों का सही तरीके से उपयोग करके पर्यावरण और उपयोगकर्ता की सुरक्षा का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। गुलाबी सुंडी से बचाव में सही दिशा-निर्देशों का पालन करके किसान फसल की उच्च गुणवत्ता और अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।