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राजस्थान में एसडीएम थप्पड़ कांड मामले के बाद 40 हज़ार कर्मचारियों ने की बड़ी घोसणा, देखें पूरा मामला 

कल देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना के बाद राज्यभर के अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया है। इस घटना के विरोध में आरएएस अधिकारियों, पटवारी, राजस्व कर्मचारियों, तहसीलदारों, और ग्राम सेवकों समेत विभिन्न सरकारी कर्मचारियों ने पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण सरकारी कार्य प्रभावित हो रहे हैं और कई दफ्तरों में कामकाजी प्रक्रिया रुक गई है।
 

Rajatshan News : कल देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना के बाद राज्यभर के अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया है। इस घटना के विरोध में आरएएस अधिकारियों, पटवारी, राजस्व कर्मचारियों, तहसीलदारों, और ग्राम सेवकों समेत विभिन्न सरकारी कर्मचारियों ने पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण सरकारी कार्य प्रभावित हो रहे हैं और कई दफ्तरों में कामकाजी प्रक्रिया रुक गई है।

चुनावी ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ हिंसा पर सख्त कानूनी कार्रवाई।आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।RAS एसोसिएशन ने नरेश मीणा के खिलाफ 10 आपराधिक धाराएं लगाने की भी मांग की है, जिनमें 8 BNS (बड़ी नशेड़ी श्रेणी) और 2 पुराने कानून के तहत अपराध शामिल हैं।नरेश मीणा की गिरफ्तारी समरावता में की गई है। गिरफ्तारी के बाद RAS एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी और महासचिव नीतू राजेश्वर ने मांग की कि नरेश मीणा के खिलाफ शीघ्र चालान पेश किया जाए और निर्वाचन आयोग से उनकी अयोग्यता की कार्रवाई की जाए।

जोधपुर में अधिकारियों ने RAS एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह को ज्ञापन सौंपा।कोटा में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की और ज्ञापन दिया जिसमें नरेश मीणा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से कर्मचारियों का मनोबल गिरता है और यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो हड़ताल और आंदोलन को तेज किया जाएगा।

कार्यालय और वाहन की सुविधाएं प्राथमिकता से प्रदान करने की आवश्यकता जताई गई है।इस पूरे मामले ने राजस्थान में सरकारी कामकाजी प्रक्रिया को रोक दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों की मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन की योजना बना सकते हैं।