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7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा, अब बेसिक सैलरी में भी होगी 2.14 गुना की बढ़ोतरी

 

7th Pay Commission : 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर को 3 गुना बढ़ाने का प्रस्ताव है. प्रस्ताव को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन संभावना है कि सरकार जल्द ही इसे मंजूरी दे सकती है.

अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ जाएगी. ध्यान दें कि वर्तमान फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। यदि इसे 3 से गुणा किया जाए तो यह 7.71 होगा। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 2.14 गुना बढ़ जाएगी.

उदाहरण के लिए, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है, तो फिटमेंट फैक्टर को 3 से गुणा करने पर उसका मूल वेतन 51,320 रुपये हो जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर को तीन गुना करने का प्रस्ताव केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. इससे उनके वेतन में भारी वृद्धि होगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

हालाँकि, इस प्रस्ताव से सरकार पर वित्तीय बोझ भी पड़ेगा। इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए सरकार को अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी।

7th Pay Commission क्या है?

7वां वेतन आयोग भारत सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए गठित एक आयोग है। आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार माथुर ने की।

7वें वेतन आयोग की सिफारिशें-

7वें वेतन आयोग ने 19 नवंबर 2015 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. इस रिपोर्ट में आयोग ने कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कई सुधारों की सिफारिश की।

7वें वेतन आयोग की प्रमुख सिफारिशें-

वेतनमान में 23.55% की वृद्धि
18 लेवल का नया वेतनमान
ग्रेड वेतन समाप्त करें और वेतन बैंड और ग्रेड शामिल करें
महंगाई भत्ता (डीए) में 3% की बढ़ोतरी
घरेलू यात्रा भत्ता (HTA) में 25% की बढ़ोतरी।
चिकित्सा भत्ता (एमए) में 10% की वृद्धि।
सेवानिवृत्ति लाभ में वृद्धि
7वें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करना

7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं. इसके कार्यान्वयन से भारत सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी।

7वें वेतन आयोग की आलोचना-

7वें वेतन आयोग की कुछ सिफ़ारिशों की भी आलोचना की गई. कुछ लोगों का कहना था कि आयोग ने कर्मचारियों के वेतन और भत्ते बहुत ज्यादा बढ़ा दिए हैं, जिससे सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा.