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वाराणसी में चरणबद्ध तरीके से हटाए जाएंगे शहर के सभी कूड़ा घर, टेंडर प्रक्रिया शुरू देखे 

 

Varanasi:  उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कूड़े की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। विभिन्न इलाकों में खुले कूड़ा डंपिंग सेंटर (कचरा घर) की दुर्गंध से आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। इसे देखते हुए निगम ने कूड़ा घरों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का निर्णय लिया है.

जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कूड़े की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। विभिन्न इलाकों में खुले कूड़ा डंपिंग सेंटर (कचरा घर) की दुर्गंध से आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। इसे देखते हुए निगम ने कूड़ा घरों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में प्रथम चरण में छह कूड़ा घरों को 31 अप्रैल 2024 तक बंद करने का निर्णय लिया गया है.

निगम ने कूड़ा घरों के स्थान पर पोर्टेबल कॉम्पेक्टर स्टेशन (पीसीटीएस) बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम ने शहर में कुल 21 कूड़ा घर बनाये थे. स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम ने करीब डेढ़ साल पहले छह कूड़ा घर बंद कर दिए थे। इसके स्थान पर कूड़ा एकत्र करने के लिए पोर्टेबल कॉम्पेक्टर स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। बेनियाबाग एवं शिवपुर में पोर्टेबल कैरियर ट्रांसफर स्टेशन स्थापित किये गये हैं।


हालांकि, पोर्टेबल कैपेक्टर ट्रांसफर प्लांट की कमी के कारण ये दोनों स्टेशन अब तक मूर्त रूप नहीं ले सके हैं। उधर, आईजीएच कॉलोनी आदमपुर में स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके अलावा भवनिया पोखरी, बेनियाबाग, शिवपुर, इंग्लिशियालाइन, हरतीरथ और मछोदरी में पोर्टेबल कैरियर ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एनपी सिंह ने बताया कि अब तक दो स्थानों पर आठ क्यूबिक मीटर क्षमता वाले पोर्टेबल कोएक्टर ट्रांसफर स्टेशन बनाए जा चुके हैं। अब 18 क्यूबिक मीटर क्षमता का पोर्टेबल कैपेक्टर ट्रांसफर स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है। एक पोर्टेबल कॉपर की कीमत करीब 50 लाख रुपये आ रही है.