झज्जर जिले के आंगनवाड़ी वर्करों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, जानें क्या है पूरा मामला
Haryana News : झज्जर जिले में गुरुवार को आंगनवाड़ी वर्करों ने सरकार के खिलाफ अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। वर्करों का आरोप था कि सरकार ने उनके साथ वायदाखिलाफी की है और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। प्रदर्शन स्थल पर हजारों वर्कर इकट्ठा हुए और लघु सचिवालय में धरना दिया। उनका कहना था कि सरकार के वादे सिर्फ दिखावा हैं, जबकि धरातल पर कुछ और ही स्थिति है।
वर्करों का मुख्य मुद्दा केंद्र से वितरित होने वाले राशन की गुणवत्ता को लेकर था। उनका आरोप था कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर जो राशन भेजा जाता है, वह अक्सर एक्सपायरी डेट के नजदीक होता है। इसके बावजूद उन्हें वही राशन वितरण के लिए दिया जाता है, जो बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।आंगनवाड़ी वर्करों ने अपनी अन्य मांगों में पदोन्नति का लाभ और मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों में एक सहायक की नियुक्ति की बात की। उनका कहना था कि बिना सहायक के उन्हें अत्यधिक काम करना पड़ता है, जिससे काम का बोझ बढ़ जाता है।
प्रदर्शन के दौरान आंगनवाड़ी वर्करों ने प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में वर्करों ने सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया। वर्करों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे हरियाणा की सभी आंगनवाड़ी वर्करों के साथ सड़कों पर उतर आएंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।
आंगनवाड़ी वर्करों की प्रमुख मांगें
वर्करों ने मांग की कि उन्हें बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त राशन दिया जाए। वर्करों ने पदोन्नति की मांग की, ताकि उनका उत्साह बढ़े और कार्य में सुधार हो। मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों में सहायक की नियुक्ति से काम का बोझ कम होगा। खराब राशन के वितरण से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसे रोकने के लिए सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
कार्यवाही की संभावना
वर्करों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो वे हरियाणा के अन्य जिलों में आंगनवाड़ी वर्करों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार इस प्रदर्शन के बाद वर्करों की समस्याओं को हल करने के लिए कौन सी कार्रवाई करती है।