{"vars":{"id": "106882:4612"}}

हरियाणा के इस नए एयरपोर्ट बनाने के लिए इन 14 गांवो की जमीनों पर लगी बोलिया, सातवें आसमान पहुंचे जमीनों के दाम

 

Haryana News: प्रदेश सरकार ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। इस प्रक्रिया में 2,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिसके लिए भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPRDPR) तैयार की जा रही है।

इस विस्तार प्रक्रिया में जहां विकास की संभावनाएं हैं, वहीं ग्रामीणों के जीवन पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं भी हैं। राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस विस्तार के साथ आगे बढ़ने से पहले इन चिंताओं का समाधान ढूंढना होगा, ताकि विकास और स्थानीय समुदायों के सामुदायिक हितों को संतुलित किया जा सके।

कांगड़ा और शाहपुर के परिवार प्रभावित होंगे

इस विस्तार से कांगड़ा और शाहपुर के 14 गांवों के 1400 से अधिक प्रभावित परिवार प्रभावित होंगे। सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए) ने राज्य सरकार को विस्तार के प्रभावों का आकलन करते हुए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी।

विस्तार की चुनौतियाँ और ग्रामीणों का प्रतिरोध

गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और इसकी अनुमानित लागत को लेकर ग्रामीणों में व्यापक विरोध है। किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि हवाई अड्डे के विस्तार से उनकी उपजाऊ भूमि और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

जनसुनवाई में उठाई चिंताएं

जनसुनवाई के दौरान ग्राम पंचायत इच्छी के ग्राम इच्छी में ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें किसी भी हालत में हवाई अड्डे का विस्तार स्वीकार नहीं होगा. उनका मानना ​​है कि इस विस्तार का उनकी जीवनशैली और पारंपरिक व्यवसायों पर गहरा असर पड़ेगा।

नकदी फसलों और आर्थिक चिंताओं पर प्रभाव

किसानों ने कहा कि उनकी जमीन पर विभिन्न प्रकार की नकदी फसलें उगाई जाती हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिरता का आधार हैं। उन्हें डर है कि हवाईअड्डे के विस्तार से उनके सारे संसाधन छीन जाएंगे।