राजस्थान की राजकुमारी दीया कुमारी को महल के चार्टर्ड अकाउंटेंट से हुआ प्यार, खुद बताई शादी की सच्चाई, देखे पूरा मामला
Diya Kumari Love Story: राजस्थान में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की है, पीएम मोदी की आंधी में कांग्रेस डूब गई है, (Diya Kumari)आज विधानसभा की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो गया है. भजनलाल शर्मा को राजस्थान का सीएम बनाया गया है, (,Diya Kumari Deputy CM)जबकि दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया गया है.(government of rajasthan) जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी ने इस बार राजस्थान की विद्याधर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल के खिलाफ 71,368 वोटों से जीत दर्ज की थी।
दीया कुमारी ने जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया
राजस्थान में भाजपा का रॉयल्स फेस कही जाने वाली दीया कुमारी ने अपनी जीत का श्रेय राज्य की जनता, पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा , राज्य के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिया था।
महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं दीया
आपको बता दें कि दीया कुमारी जयपुर के अंतिम महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं और वो साल 2013 में बीजेपी पार्टी में शामिल हुई थीं। उन्होंने उसी साल के चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा को हराया था। इसके बाद साल 2019 में वो राजसमंद से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं और एक बार फिर से उन्होंने राज्य की सियासत में जीत के साथ वापसी की हैं।
नरेंद्र सिंह महल के अकाउंट का काम करते थे
स्वच्छ और सौम्य छवि वाली दीया कुमारी ने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की थी,अपनी स्कूली शिक्षा के बाद वो लंदन चली गई थीं और वहां से आने के बाद वो अपने राजमहल का अकाउंट डिपार्टमेंट संभाला करती थी और इसी दौरान उनकी मुलाकात नरेंद्र सिंह से हुई थी। कहते हैं काम के दौरान ही दोनों की मित्रता हुई और फिर दोनों ने साल 1994 में दिल्ली के एक कोर्ट में बिना घरवालों को बताए शादी की थी।
दीया कुमारी की शादी को लेकर कई अफवाएं उड़ीं
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक जयपुर के महाराज सवाई भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की इकलौती बेटी की शादी के बारे में पहले काफी कुछ कहा गया था कि जैसे कि उन्होंने महल के कैशियर से शादी कर ली, घरवालों के विरोध में जाकर उन्होंने ब्याह रचा लिया, वगैरह-वगैरह। इस बारे में खुद दीया कुमारी ने अपने ब्लॉग 'रॉयल्टी ऑफ राजपूताना' में लिखा था और सच से पर्दा उठाया था।
'मेरे मां-पिता ने मुझे बहुत प्यार से पाला था'
उन्होंने लिखा था कि 'मेरे मां-पिता ने मुझे बहुत प्यार से पाला था, मैं आजाद ख्याल की महिला हूं, मुझे हर चीज की स्वतंत्रता दी गई थी लेकिन मैंने कभी भी अपनी मर्यादा पार नहीं की। मैं 18 साल की उम्र में पहली बार नरेंद्र सिंह से मिली थी, आपको बता दूं कि वो ना तो राजमहल के कैशियर थे और ना ही ड्राईवर। '
'वो ना तो राजमहल के कैशियर थे और ना ही ड्राईवर'
'वो चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और अपनी इंटरनशिप के लिए उन्होंने तीन महीने के लिए एसएमएस म्यूजियम ट्रस्ट का अकाउंट डिपार्टमेंट ज्वाइन किया था। मैं उनकी सादगी औऱ ईमानदारी से काफी प्रभावित थी और तीन महीने के बाद उन्होंने वो ट्र्स्ट छोड़ दिया और पढ़ाई के बाद उन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया था, जिसमें मेरे परिवार की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं की गई थी।'
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'1994 में हमने शादी कर ली थी लेकिन...'
'हमारी दोस्ती प्रेम में तब बदली, जब मैं उनसे दूर विदेश चली गई थी, विदेश से वापस आने के बाद हमें लगा कि हमें अपनी भावनाएं जाहिर कर देनी चाहिए और हमने कर दीं। मैंने ये बात अपनी मां को बताई थी लेकिन वो नाराज हो गई क्योंकि नरेंद्र राजघराने से नहीं थे।'
साल 1997 में हमारी शादी भव्य तरीके से हुई
'6 साल तक हम बाहर अपने मित्रों के घर पर मिलते रहे और फिर 1994 में हमने शादी कर ली लेकिन घरवालों को हम बता नहीं पाए लेकिन 1996 में जब इस बात का खुलासा हुआ तो हमारे परिवार वालों को ये बात पसंद नहीं आई लेकिन बाद में सबने हमारे रिश्ते को आशीर्वाद दे दिया और साल 1997 में हमारी शादी भव्य तरीके से हुई।'
राजपूत समुदाय ने किया था शादी का विरोध
गौरतलब है कि दोनों की शादी में केवल घराने का अंतर नहीं था बल्कि दोनों का गोत्र भी एक ही था इसलिए राजपूत समुदाय के एक वर्ग ने इसका विरोध किया था लेकिन सारे विरोधों के बावजूद दीया और नरेंद्र सिंह जीवन में आगे बढ़ते रहे, इस शादी से दोनों को तीन बच्चे बेटा पद्मनाभ सिंह, पुत्र लक्ष्यराज सिंह और एक बेटी गौरवी है लेकिन साल 2018 में ये प्रेमी जोड़ा अलग हो गया और दोनों का तलाक हो गया, हालांकि आज तक तलाक के कारणों का पता नहीं है।