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राजस्थान में अधिक प्रदूषण के कारण लोगों को रही हैं साँस लेने में दिक्कत, राजस्थान सरकार ने पराली जलाने पर लगाई रोक 

आसमान में धूल के गुब्बार और धुंध छाने जैसा वातावरण बना रहता है. इसके साथ साथ इस धुंए की वजह से आँखों में जलन और सांस के रोगियों को सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी है. अस्पताल में भी सांस के रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है. प्रदूषण का स्तर इतना है की मंगलवार और बुधवार को AQI लेवल 400 को पार कर गया था, जो की बेहद ही खराब स्तिथि को दर्शाता है.
 

Rajasthan News : आसमान में धूल के गुब्बार और धुंध छाने जैसा वातावरण बना रहता है. इसके साथ साथ इस धुंए की वजह से आँखों में जलन और सांस के रोगियों को सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी है. अस्पताल में भी सांस के रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है. प्रदूषण का स्तर इतना है की मंगलवार और बुधवार को AQI लेवल 400 को पार कर गया था, जो की बेहद ही खराब स्तिथि को दर्शाता है.

 दीपावली के बाद AQI लेवल में अचानक बढ़ोतरी हुई. यह बेहद खराब श्रेणी तक पहुंच गया.मौसम विभाग के मानकों के अनुसार, AQI लेवल 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब, और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में आता है. AQI लेवल के 300 पार होने का मतलब है कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है.हवा में फैले इस प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण खेतों में जलाई जा रही पराली है. इस प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन ने खेतो में पराली जलाने पर रोक लगा दी है. 

डॉक्टरों की माने तो सीओपीडी और न्यूमोनिया के रोगियों की संख्या में इजाफा होगा. डॉक्टरों ने लोगों से मास्क लगाने की अपील की है. हवा में फैले इस प्रदूषण से राहत बारिश होने पर ही मिलेगी. हवा में घुला प्रदूषण का स्तर इतना है कि उसे नीचे आने में काफी वक्त लगेगा ऐसे में बारिश होने पर वातावरण साफ़ होगा लेकिन मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों तक बारिश की संभावना व्यक्त नहीं की है.