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द्वारका एक्सप्रेसवे पर नई परिवहन सुविधा का होगा विस्तार, गुरुग्राम में 2 सिटी बस डिपो के निर्माण को हरी झंडी

सिटी बस जैसी परिवहन व्यवस्था बेहतर करने के लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। जीएमडीए ने सिटी बस डिपो बनाने के लिए ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-103 और सेक्टर-107 में जमीन चिह्नित की है।
 

Gurugram Expressway : सिटी बस जैसी परिवहन व्यवस्था बेहतर करने के लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। जीएमडीए ने सिटी बस डिपो बनाने के लिए ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-103 और सेक्टर-107 में जमीन चिह्नित की है।

 इस जमीन के लिए नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा गया है। इन दोनों बस डिपो को तैयार करने में करीब 32 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इनके बनने से सेक्टर-99 से लेकर 115 तक की सोसाइटियों, गांवों के अलावा आसपास लगती रिहायशी कॉलोनियों को इसका विशेष फायदा होगा।जीएमडीए ने सेक्टर-103 में गांव दौलताबाद की सात एकड़ जमीन का चयन सिटी बस डिपो के निर्माण के लिए किया है। ये जमीन ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर श्याम चौक से गांव बजघेड़ा की तरफ है। इसके अलावा सेक्टर-107 में गांव मोहम्मदपुर हेड़ी की 9.5 एकड़ जमीन का चयन किया है। इन दोनों बस डिपो को 100-100 ई-बस के लिए तैयार किया जाएगा। जीएमडीए अधिकारियों को उम्मीद है कि चुनाव आचार संहिता हटने के बाद यह जमीन मिल जाएगी।

जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए.श्रीनिवास ने जमीन उनके सुपुर्द करने के लिए गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ को पत्र लिखा है। जमीन मिलने के पश्चात इन बस डिपो के निर्माण का टेंडर किसी कंपनी को आवंटित किया जाएगा। टेंडर आवंटन के डेढ़ साल के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा। बता दें कि, मौजूदा समय में द्वारका एक्सप्रेसवे और ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-99 से 115 तक सिर्फ एक सिटी बस है। 

एक से डेढ़ घंटे के अंतराल पर दूसरी बस मिल पाती है। ये बस, बस स्टैंड और मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन तक चलती है। इन दोनों हाइवे पर करीब 100 रिहायशी सोसाइटी और कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं, जिसमें करीब डेढ़ लाख परिवार रहते हैं। सिटी बस सेवा का लाभ नहीं मिलने के कारण इन्हें परेशान होना पड़ता है। गांव दौलताबाद, बसई, धनकोट, खेड़की माजरा, धनवापुर, धर्मपुर आदि गांव भी इन्हीं दोनों सड़कों पर हैं। जीएमडीए की साल 2031 तक 1025 सिटी बस चलाने की योजना है। मौजूदा समय में गुरुग्राम महानगर सिटी बस लिमिटेड (जीएमसीबीएल) के बेड़े में सिर्फ 150 बस हैं, जो पुरानी होने के बाद अब बीच रास्ते में बंद पड़ने लगी हैं।

15 से 20 बस तो मरम्मत के लिए डिपो परिसर में खड़ी रहती हैं। मौजूदा समय में शहर में सेक्टर-10, सेक्टर-52-53ए में बस डिपो है। इसके अलावा सेक्टर-48 में बस डिपो तैयार करने का काम चल रहा है, जो अगले साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
जीएमसीबीएल की तरफ से सेक्टर-10 के बस डिपो को बस टर्मिनल में बदलने की योजना बनाई जा रही है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) की तरफ से इस बस डिपो के सामने मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना है। यदि बस टर्मिनल बनेगा तो अधिक से अधिक यात्री इसका लाभ उठा पाएंगे।

जीएमडीए की कांकरौला और सेक्टर-65 में बस डिपो के निर्माण की योजना अटक गई है। कांकरौला गांव में मानेसर नगर निगम ने जीएमडीए को बस डिपो बनाने के लिए जमीन दे दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस जमीन पर बस डिपो की बजाय बस अड्ढे को पीपीपी मोड पर तैयार करने के आदेश जारी किए हैं। पीपीपी मोड पर बस अड्ढा तैयार करने के लिए सड़क की चौड़ाई कम है।

 जिस जमीन का चयन जीएमडीए ने किया था, वह जमीन 16 फीट रास्ते पर है, जबकि पीपीपी मोड पर बस अड्ढा बनाने के लिए लोगों के आवागमन के लिए कम से कम 60 मीटर चौड़ी रोड चाहिए। अब नए सिरे से जमीन की तलाश चल रही है। एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक को पत्र लिखकर जमीन देने का आग्रह किया है।
अगले साल तक 200 सिटी बसें आ जाएंगी : जीएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि अगले साल मार्च माह तक जीएमसीबीएल के बेड़े में 200 ई-सिटी बस आ जाएगी। पीएम ई-सेवा के तहत यह बस मिल रही हैं।

इन बसों को दिसंबर माह तक आ जाना चाहिए था, लेकिन टेंडर के विवाद में फंसने की वजह से इसके पहुंचने में देरी हुई है। इसके अलावा 200 सिटी बस शहरी आवास मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएंगी, जो अगले साल दिसंबर माह तक मिल पाएंगी।