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गीता देवी का साबुन व्यवसाय, जानिए 8 वी फ़ैल महिला ने कैसे 1 महीने में बनाई अपनी जिंदगी 

गीता देवी, जिनकी कहानी एक छोटे से कदम से शुरू होकर बड़े व्यवसाय में बदली, आज न केवल अपनी सफलता का उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। उनके द्वारा बनाए गए साबुन पूरी तरह से जैविक और केमिकल-फ्री होते हैं, जो न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतरीन विकल्प हैं।
 

Succes Story : गीता देवी, जिनकी कहानी एक छोटे से कदम से शुरू होकर बड़े व्यवसाय में बदली, आज न केवल अपनी सफलता का उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। उनके द्वारा बनाए गए साबुन पूरी तरह से जैविक और केमिकल-फ्री होते हैं, जो न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतरीन विकल्प हैं।

गीता देवी ने घर से ही नीम, करौंदा, तुलसी और एलोवेरा जैसी औषधीय पत्तियों से साबुन बनाना शुरू किया। शुरुआत में यह एक छोटी सी कला थी, लेकिन उन्होंने इसे पूरी तरह से एक व्यवसाय में बदल दिया। गीता देवी ने महिला समूह के साथ जुड़कर साबुन बनाने की कला सीखी और इसे एक व्यापार के रूप में अपनाया। उन्होंने अपने साबुनों में गुलाब, नीम, केसर, तुलसी और पलाश के फूल जैसे प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल किया, जिससे उत्पाद पूरी तरह से जैविक और केमिकल-फ्री बनते हैं।

व्यवसाय में विस्तार और ब्रांडिंग

गीता देवी ने अपने साबुन को स्थानीय बाजारों में बेचना शुरू किया और जल्दी ही उनकी ब्रांडिंग मजबूत होने लगी। उनका ब्रांड "धोपाप घाट" अब स्थानीय लोगों में प्रसिद्ध हो चुका है। गीता देवी को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से भी सहयोग मिला, जिससे उन्होंने अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाया और कई अन्य महिलाओं को इस कला में प्रशिक्षित किया।