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 गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे के टोल पर लोगों को मिलेगी जाम से राहत, सरकार ने बनाया नया नियम 

गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले वाहन चालकों पर भी शिकंजा कस जाएगा। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे पर लुहारली टोल प्लाजा की शुरूआत वर्ष 2015 में हुई थी। 10 लेन के टोल प्लाजा पर पांच लाइनें अप और पांच लाइनें डाउन के लिए बनाई गई। इन नौ सालों में प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसके कारण टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन जाम की समस्या से जूझने लगे है। 
 

Ghaziabad-Aligarh Expressway : गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले वाहन चालकों पर भी शिकंजा कस जाएगा। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे पर लुहारली टोल प्लाजा की शुरूआत वर्ष 2015 में हुई थी। 10 लेन के टोल प्लाजा पर पांच लाइनें अप और पांच लाइनें डाउन के लिए बनाई गई। इन नौ सालों में प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसके कारण टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन जाम की समस्या से जूझने लगे है। 

जाम की समस्या के समाधान के लिए वाहन चालक व विभिन्न संगठन टोल प्रशासन से मांग करते चले आ रहे है।गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट मैनेजर विनीत सिंह ने बताया कि लुहारली टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम की समस्या के समाधान को सिकंदराबाद की ओर करीब 500 मीटर पहले एक टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। गाजियाबाद की ओर से आने वाले वाहन चालकों को लुहारली टोल प्लाजा से, सिकंदराबाद की ओर से जाने वाले वाहनों को दूसरे टोल प्लाजा से निकाला जाएगा।

 जिससे टोल प्लाजा की लाइनों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी। वाहन चालकों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा।लुहारली प्लाजा पर टोल से बचने के लिए बहुत से वाहन चालक वैकल्पिक रास्तों से होकर निकल जाते है। जिससे सरकार को रोजाना हजारो की राजस्व की हानि होती है। टोल रिकार्ड के अनुसार प्रतिदिन करीब पांच हजार वाहन टोल बचाने के लिए वैकल्पिक रास्तों से होकर निकलते हैं। वही दूसरा टोल प्लाजा सिकंदराबाद की ओर करीब 500 मीटर पहले बनने से वैकल्पिक रास्तों का प्रयोग करने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसेगा।