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दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर जाम से राहत के लिए हरियाणा सरकार ने बनाया नया नियम 

केंद्र सरकार ने नई पहलों पर काम शुरू कर दिया है. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच हुई बैठक में नेल्सन मंडेला मार्ग-एमजी रोड लिंक, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड बाईपास और धनचिरी कैंप से एमजी रोड तक बाईपास बनाने पर चर्चा की गई.यदि नेल्सन मंडेला मार्ग-एमजी रोड लिंक का 3 किलोमीटर का हिस्सा चालू किया जाता है
 

Haryana News : केंद्र सरकार ने नई पहलों पर काम शुरू कर दिया है. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच हुई बैठक में नेल्सन मंडेला मार्ग-एमजी रोड लिंक, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड बाईपास और धनचिरी कैंप से एमजी रोड तक बाईपास बनाने पर चर्चा की गई.यदि नेल्सन मंडेला मार्ग-एमजी रोड लिंक का 3 किलोमीटर का हिस्सा चालू किया जाता है

तो इससे न केवल दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे बल्कि महरौली-गुरुग्राम रोड पर भी ट्रैफिक जाम में कमी आएगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि केंद्र सरकार इस लिंक को राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) घोषित करती है, तो इसका विकास करना और भी आसान हो जाएगा.हरियाणा सरकार ने इस लिंक के साथ-साथ एमजी रोड और गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के चौराहे तक एक नई एलिवेटिड रोड बनाने का प्रस्ताव दिया है. शुरुआती अनुमान के अनुसार, इस एलिवेटिड लिंक की लागत लगभग 2,000 करोड़ रुपये होगी, जबकि यदि इसे सुरंग के रूप में विकसित किया जाता है

 तो यह लागत बढ़कर 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. धनचिरी कैंप से एमजी रोड लिंक की अनुमानित लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपये है.सूत्रों के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) या सड़क परिवहन मंत्रालय तब तक विस्तृत अध्ययन नहीं कर सकते जब तक इन हिस्सों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित नहीं किया जाता. गडकरी और सैनी की बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव वी. उमाशंकर की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि नेल्सन मंडेला मार्ग और एमजी रोड के बीच कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने में कोई समस्या नहीं होगी. इन परियोजनाओं के तेजी से कार्यान्वयन से जाम से राहत मिलने की उम्मीद है.