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हरियाणा सरकार बड़ा फैसला, अब आवारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं पर मिलेगा मुआवजा

 

Haryana News: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने आवारा जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए मुआवजा तय करने के लिए सभी जिलों में उपायुक्तों की अध्यक्षता में समितियां गठित करने का निर्णय लिया है।

यह समिति दावा प्रस्तुत करने के 4 महीने के भीतर मुआवजे पर अपना निर्णय देगी।

मुख्य सचिव ने आज यहां पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक फैसले के क्रियान्वयन के संबंध में बुलाई गई बैठक में जिला स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), संबंधित क्षेत्र के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के प्रतिनिधि समिति के सदस्य होंगे।

उन्होंने कहा कि यदि ऐसी दुर्घटना पंचायत क्षेत्र में होती है तो डीडीपीओ, यदि जंगली जानवर से होती है तो डीएफओ, यदि राज्य मार्ग पर होती है तो एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर, यदि नगरपालिका क्षेत्र में होती है।

यदि निर्माण कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग वाले क्षेत्र में है तो अतिरिक्त आयुक्त या नगर निगम सचिव, संबंधित कंपनी के परियोजना निदेशक आदि इस समिति के सदस्य होंगे।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में मुआवजे पर निर्णय लेते समय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के दिशानिर्देशों और मानकों को ध्यान में रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुआवजे पर निर्णय संबंधित विभाग के प्रधान सचिव या एनएचएआई के परियोजना निदेशक को भेजा जाएगा, जिन्हें 6 सप्ताह के भीतर दावेदार को मुआवजा देना होगा।

उन्होंने कहा कि आवारा जानवरों में गाय, बैल, बैल, गधे, दरियाई घोड़े और भैंस शामिल होंगे।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने कुत्ते के दांत पर 10 हजार रुपये और कुत्ते के काटने से किसी व्यक्ति का मांस टूटने पर कम से कम 20 हजार रुपये मुआवजा देने को कहा है।

मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ऐसी दुर्घटनाओं पर मुआवजा देने के लिए पहले से ही दीन दयाल अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना चला रही है.

उन्होंने निर्देश दिये कि उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप योजना में समुचित संशोधन भी किया जायेगा।