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बिहार में NHAI और रेलवे परियोजनाएं अब जल्द होंगी पूरी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने उठाया बड़ा कदम

 

Bihar Highway And Railway Project  राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एनएचएआई, एनएच और रेलवे परियोजनाओं के निर्माण में आ रही भूमि संबंधी बाधाओं को जल्द से जल्द दूर करने का निर्देश दिया है. सोमवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ​​ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को अन्य विभागों से बातचीत कर बाधाएं दूर करने को कहा. बैठक में एनएचएआई, एनएच और रेलवे के अधिकारी भी मौजूद थे.

बैठक में वाराणसी-औरंगाबाद खंड में जिला भू-अर्जन कार्यालय में 65 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान का मामला उठा. बारुण अंचल में कई जगहों पर गैर मजरूआ जमीन के विवाद के कारण लोग सड़क नहीं बनने दे रहे हैं. इसी तरह, रोहतास जिले में 1.4 किलोमीटर की लंबाई में जमीन की दर को लेकर कई रैयत प्राधिकार के पास चले गये. इससे कार्य बाधित हो गया है.

दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड जल्द पूरा होगा
अपर मुख्य सचिव ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को पटना जिले के दानापुर-बिहटा उत्क्रमित एवं गैर उत्क्रमित खंडों में भुगतान में तेजी लाने का निर्देश दिया. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि ऊंचे खंड में संरचना की मंजूरी मिल गयी है. भुगतान अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा।

पटना के भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि शेरपुर-दिघवारा रिंग रोड में अब तक 73 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. एनएचएआई ने संरचना मद की राशि स्वीकृत कर दी है. भुगतान अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा।

बैठक में बताया गया कि भारत माला परियोजना के तहत 227 जे पैकेज वन के खंड एक और दो में मधुबनी जिले को आवंटित 176 करोड़ रुपये में से केवल 70 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। बेनीपट्टी व कलुआही अंचल में भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहा है. रैयतों के बाहर रहने के कारण लोग आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. पूजा के दौरान उनके घर आने पर भुगतान में तेजी आने की संभावना है।

कई जिलों में मुआवजे को लेकर रैयतों द्वारा काम रोकने की शिकायतें आयीं. अपर मुख्य सचिव ने संबंधित जिलों के डीएम से बात की और समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया. बैठक में निदेशक भू-अर्जन सुशील कुमार और सभी जिलों के भू-अर्जन पदाधिकारी भी मौजूद थे.

राजस्व एवं भूमि, शहरी विकास एवं पंचायती राज की संयुक्त बैठक
राज्य ब्यूरो, पटना। सरपंचों से वंशावली बनाने का अधिकार वापस लेने से निर्माण संबंधी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में बाधा आ रही है। सोमवार को जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों की बैठक में यह मामला उठा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ​​ने कहा कि वे संबंधित विभागों से बात कर समस्या का समाधान करेंगे.

उन्होंने कहा कि समाधान के लिए पंचायती राज, ग्रामीण विकास और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के शीर्ष अधिकारियों की संयुक्त बैठक की जायेगी.विभागीय सचिव जय सिंह को अन्य विभागों के साथ समन्वय कर बैठक आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गयी है.

बैठक में जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों ने कहा कि रैयत का हिस्सा निर्धारित करने के लिए वंशावली की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह सामूहिक संपत्ति या खतियानी भूमि है. हालांकि, पंचायती राज विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के बाद सरपंच द्वारा जारी वंशावली को अमान्य कर दिया गया है.