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अब किसी भी शिक्षक के साथ माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी ,  शिक्षा विभाग बनाने जा रही हैं बच्चो के लिए खास किस्म का कार्ड 

अब किसी भी शिक्षक अथवा शाला स्टाफ को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। कप्यूटर पर एक क्लिक करके ही विद्यार्थी की शैक्षणिक यात्रा दिख जाएगी। इसके अलावा एक ऐसी आईडी भी बनाई जाएगी, जिससे विद्यार्थी स्वयं भी अपनी यात्रा को ट्रैक कर सकेगा। यह शैक्षणिक आईडी न केवल सरकारी स्कूलों के बच्चों की, बल्कि निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की भी बनेगी। स्कूल शिक्षा परिषद ने ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार) पर काम शुरू कर दिया है। 
 

Rajasthan News : अब किसी भी शिक्षक अथवा शाला स्टाफ को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। कप्यूटर पर एक क्लिक करके ही विद्यार्थी की शैक्षणिक यात्रा दिख जाएगी। इसके अलावा एक ऐसी आईडी भी बनाई जाएगी, जिससे विद्यार्थी स्वयं भी अपनी यात्रा को ट्रैक कर सकेगा। यह शैक्षणिक आईडी न केवल सरकारी स्कूलों के बच्चों की, बल्कि निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की भी बनेगी। स्कूल शिक्षा परिषद ने ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार) पर काम शुरू कर दिया है। 

अपार के जरिए प्रदेश के सरकारी एवं निजी स्कूलों में अध्ययनरत एक करोड़ 64 लाख 20 हजार 447 विद्यार्थियों की 12 अंकों की आईडी बनाई जाएगी। विद्यार्थी को एक डिजिटल फाइल ऑनलाइन अलॉट होगी, जिसका एक यूनिक नबर होगा। फाइल में विद्यार्थी की फोटो सहित सभी प्रकार के एकेडमिक रिकॉर्ड्स, खेल गतिविधियां तथा अन्य जानकारी संकलित रह सकेगी। अपार नबर यूनिक व परमानेंट रहेगा। इसे विद्यार्थी के आधार के साथ लिंक किया जाएगा। प्रत्येक छात्र की एक अद्वितीय और स्थाई 12-अंकीय आईडी बनाई जाएगी। 

यह छात्रों को रोजगार तक बेहतर पहुंच के लिए शैक्षणिक रिकॉर्ड आसानी से साझा करने में भी सहायक बनेगा। प्रदेश में 65,425 सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं। इसमें प्रारंभिक शिक्षा के 45,685 तथा माध्यमिक शिक्षा के 19,740 विद्यालय हैं। इन दोनों वर्गों के स्कूलों में 78 लाख 20 हजार 447 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसमें प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में 24,82,379 एवं माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 53,38,068 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जबकि निजी स्कूलों की संया 45 हजार है और इनमें करीब 86 लाख विद्यार्थी अध्यनयरत हैं।