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अब आएगा सफर का मजा! राजस्थान के इन गांवों शहरों को कनेक्ट करेंगी 32 सुपर सड़कें, यहाँ से गुजरेंगे 8 Highway

केंद्र सरकार ने राजस्थान वालों की बल्ले बल्ले कर दी हैं। केंद्र सरकार ने राजस्थान की विकास गति को बड़वा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया हैं, इस बड़े प्रोजेक्ट में राजस्थान में नए एक्ससप्रेसवे बनाए जाएंगे जिनकी 8 राज्यों से कनेक्टविटी होगी और एक लंबी सड़क का भी निर्माण किया जाएगा जिसकी कनेक्टिविटी आस पास के जिलों से होगी। 
 

New Highway : केंद्र सरकार ने राजस्थान वालों की बल्ले बल्ले कर दी हैं। केंद्र सरकार ने राजस्थान की विकास गति को बड़वा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया हैं, इस बड़े प्रोजेक्ट में राजस्थान में नए एक्ससप्रेसवे बनाए जाएंगे जिनकी 8 राज्यों से कनेक्टविटी होगी और एक लंबी सड़क का भी निर्माण किया जाएगा जिसकी कनेक्टिविटी आस पास के जिलों से होगी। 

इस सारी परियोजना की मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी हैं और इस पूरे कार्य के लिए 1915 करोड़ की बड़ी राशि भी दे दी हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राजस्थान के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बेहतर सड़क संपर्क प्रदान करना है। इसके परिणामस्वरूप, 1,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों को चौड़ा किया जाएगा  

कई मार्गों को चार लेन में परिवर्तित किया जाएगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और ईंधन की बचत होगी।सबसे बड़ी परियोजना अजमेर जिले में अमरपुरा से गोगेलाव तक चार लेन की सड़क की है, जिसकी लागत मात्र 1,394 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, अजमेर, अलवर, नागौर, बीकानेर, जयपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, टोंक, सिरोही और प्रतापगढ़ जैसे जिलों में सड़कों को चौड़ा और बेहतर बनाया जाएगा। राजस्थान के इन जिलों में बनेंगी सुपर हाइवे सड़कें राजस्थान सरकार का कहना है कि इन सड़कों से न सिर्फ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। 

मसलन, सिरोही जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए माउंट आबू की सड़क का उन्नयन किया गया है। बीकानेर में 72 किलोमीटर लंबी जामसर-दंडोसर सड़क और खारड़ा-राजपुरा सड़क भी निर्माणाधीन है। जयपुर जिले में सिंवार गेट से नवरंगपुरा तक 30 किलोमीटर और बोराज तक 26 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। 

वहीं, बूंदी शहर में फ्लाईओवर के निर्माण से जाम की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है। राजस्थान के लोगों को ये मिलेगा लाभ इन सभी परियोजनाओं को केंद्रीय सड़क अवसंरचना कोष (सीआरआईएफ) के तहत मंजूरी दी गई है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से राजस्थान के भीतरी और सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी