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OPS : खट्टर सरकार ने अपने दोनों हाथ कीये खड़े, 6 लाख कर्मचारी उतरे हड़ताल पर 

 

OPS : पुरानी पेंशन योजना समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुप लाठर ने प्रदेश के 5200 से अधिक गांवों और कस्बों में समितियों के गठन की घोषणा की है. ये समितियां घर-घर जाकर लोगों को एनपीएस नीति के बारे में जानकारी देंगी और इस बात पर जोर देंगी कि पुरानी पेंशन उनका अधिकार है और यह देकर रहेगी.

पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर हरियाणा के कर्मचारी और अधिकारी रैली में जुटे. उन्होंने फैसला किया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे विपक्ष के लिए अभियान चलाएंगे और मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की दिशा में काम करेंगे।

रैली में राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी शामिल हुए और वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून पारित करेंगे कि भविष्य में पुरानी पेंशन प्रणाली बंद न हो।

जो नेता और मंत्री कर्मचारी पेंशन को सरकार पर बोझ बताकर इसकी आलोचना करते हैं, उन्हें खुद कई पेंशन मिलती हैं। 2018-19 के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्व विधायकों की पेंशन पर सालाना 213 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जबकि मृत कर्मचारियों की पारिवारिक पेंशन पर 661 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इसके अलावा, पूर्व विधायकों के लिए पेंशन राशि 2019-2 में 33 करोड़ रुपये से बढ़कर 284 करोड़ रुपये हो गई