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हरियाणा के इन इलाकों में होगी आज बारिश , मौसम विभाग ने अलर्ट किया जारी 

हरियाणा में मानसून अभी भी एक्टिव है  इनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, पानीपत, यमुनानगर, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिले शामिल  24 घंटे में सितंबर में 5 जिलों में रिकार्ड बारिश दर्ज की गई। पंचकूला और कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा बारिश हुई। कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा 47 एमएम बारिश हुई, पंचकूला में 40 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम में आए बदलाव से दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट देखी गई। सूबे में दिन के पारे में 3.2 की गिरावट आई है।
 

Haryana Weather Update : हरियाणा में मानसून अभी भी एक्टिव है  इनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, पानीपत, यमुनानगर, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिले शामिल  24 घंटे में सितंबर में 5 जिलों में रिकार्ड बारिश दर्ज की गई। पंचकूला और कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा बारिश हुई। कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा 47 एमएम बारिश हुई, पंचकूला में 40 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम में आए बदलाव से दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट देखी गई। सूबे में दिन के पारे में 3.2 की गिरावट आई है।

सबसे ज्यादा गिरावट अंबाला में आई, यहां का अधिकतम तापमान में 8.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में में पारा 5.9 डिग्री तक गिरा है। इसके अलावा सूबे के अन्य जिलों में भी लगभग यही हाल रहा। सबसे कम गिरावट भिवानी जिले में आई है, यहां 0.3 डिग्री ही अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ जाने तथा नमी वाली हवाओं में कमी आने से 29 सितंबर तक मानसून की सक्रियता में कमी से राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम खुश्क रहेगा। 

हालांकि उत्तरी जिलों पंचकूला, पूर्वी यमुनानगर, अंबाला, उत्तरी कुरुक्षेत्र, कैथल, उत्तरी जींद, उत्तरी फतेहाबाद, उत्तरी सिरसा में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में अभी मानसून की 2 दिन वापसी नहीं होगी। 29 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है।

जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है। प्रदेशभर में मानसून सीजन में अब तक 390.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 401.1 मिलीमीटर से महज 3 फीसदी ही कम है। जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में सिर्फ 97.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।