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राजस्थान के कर्मचारियों की उड़ी नींद,भजन लाल सरकार का एक्शन, नहीं माना तो कार्रवाई होगी 

 

Rajasthan government big decision दरअसल, राज्य के नगर निकायों में प्रतिनियुक्ति का खेल लंबे समय से चल रहा है. सरकार ने इस गेम को खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी है.(jaipur) डीएलबी निदेशक ने एक आदेश जारी कर ऐसे कार्मिकों को नियमानुसार हटाने के आदेश दिए हैं जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो गई है।(government of rajasthan) विभाग ने सभी निकायों से(,Udaipur ) प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मियों की जानकारी भी मांगी है. (jodhpur)साथ ही कार्मिकों को मूल विभाग के लिए कार्यमुक्त नहीं करने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दी।

भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं

दरअसल, निकायों में पुलिस, बिजली, पानी, पशुपालन समेत विभिन्न विभागों के कर्मचारी और इंजीनियर प्रतिनियुक्ति पर हैं। लेकिन अवधि समाप्त होने के बाद भी इन्हें हटाया नहीं जाता है. कई कर्मियों ने तो खुद को निकाय सेवा में मर्ज कर लिया है. इन कर्मचारियों पर हमेशा भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. इसीलिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह आदेश दिया है.

चार वर्ष की प्रतिनियुक्ति का प्रावधान

विभागों में आपसी सहमति के आधार पर कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जाता है। यह अधिकतम चार वर्ष है. इसके बाद निकायों की अनुशंसा पर वित्त विभाग के अनुमोदन से प्रतिनियुक्ति को एक वर्ष या पांच वर्ष की अवधि पूरी होने तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके बाद वित्त विभाग की मंजूरी से प्रतिनियुक्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रावधान है।

प्रतिनियुक्ति पर कार्मिक नहीं रख सकते

निकायों को दृढ़तापूर्वक सलाह दी जाती है कि डीएलबी की अनुमति के बिना किसी भी कार्मिक को प्रतिनियुक्ति पर नहीं रखा जाएगा। अभी तक निकाय अपने स्तर पर संबंधित विभाग से पत्राचार कर कार्मिकों को प्रतिनियुक्ति पर रखते थे।