हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, अब इन सरकारी कर्मचारियों को हटाया जाएगा नौकरी से, जानें
Haryana News : हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है और जीरो टॉलरेंस नीति को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हाल ही में सरकार ने 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी की है, जिन पर पैमाइश, इंतकाल, रिकॉर्ड सुधारने और नक्शा पास करने जैसे कार्यों में रिश्वत लेने के आरोप हैं। इस कदम से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इससे निपटने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।
पिछले कुछ समय में राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। सरकार ने जिन 370 पटवारियों की सूची जारी की है, उनमें से 170 पटवारियों ने अपने निजी सहायकों के माध्यम से अवैध गतिविधियाँ संचालित कीं। कुछ पटवारियों ने तो निजी मकानों में कार्यालय भी खोल रखे थे। अब सरकार ने इन पटवारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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इसके अलावा, सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को आदेश दिए हैं कि वे इन पटवारियों के खिलाफ 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
हालाँकि सरकार के इस कदम के खिलाफ हरियाणा पटवार-कानूनगो एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि बिना उचित जांच के किसी भी पटवारी को भ्रष्ट घोषित करना अनुचित है। एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच इस विषय पर और भी बातचीत हो सकती है, ताकि जांच की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से अंजाम दिया जा सके।
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सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त पाए गए कर्मचारियों की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हाल ही में पलवल जिले में 22 करोड़ रुपये के गबन के मामले में चार कर्मचारियों की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया गया है। यह कदम भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई का संकेत देता है और यह दिखाता है कि सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी।