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3 राज्यों में वाहनों का आवागमन सुहाना करेगा यह एक्स्प्रेसवे! देखें इसका रूट मेप

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है। वही बिहार में अगले महीने से इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को 2028 तक बनाकर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को 32 हजार करोड रुपए खर्च कर 519 किलोमीटर बनाया जाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण हो जाने से तीन राज्यों यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल को फायदा होगा।
 

Gorakhpur-Siliguri Expressway : इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है। वही बिहार में अगले महीने से इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को 2028 तक बनाकर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को 32 हजार करोड रुपए खर्च कर 519 किलोमीटर बनाया जाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण हो जाने से तीन राज्यों यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल को फायदा होगा।

इस रूट से होकर निकलेगा एक्सप्रेसवे 

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) गोरखपुर के जगदीशपुर से शुरू होगा और कुशीनगर के तमुखीराज तहसील से बिहार में गोपालपंज में प्रवेश करेगा। बिहार के आठ जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज से होते हुए यह एक्सप्रेसवे सिलीगुड़ी तक जाएगी. एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए गंडक नदी पर दो बड़े पुल भी बनाए जाएंगे। जिसका कुछ हिस्सी यूपी कुछ बिहार में होगा। 

गंडक नदी पर दोनों राज्यों का बनाया जाने वाला ये पुल 10 किलोमीटर लंबा होगा। एक्सप्रेसवे बिहार के पश्चिम चंपारण के 15, पूर्वी चंपारण के 69, शिवहर के 7, सीतामढ़ी के 33, मधुबनी के 66 और सुपौल के 43, अररिया के 47 और किशनगंज के 25 गांवों से होकर गुजरेगा। 

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) पर 25 जगहों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जहां से स्टेट हाइवे, नेशनल हाइवे और दूसरी मुख्य सड़कों को जोड़ा जाएगा। ताकि लोगों को आवागमन में काफी सुविधा हो. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे जैसे अन्य मार्गों से भी जुड़ेगा। 

इससे सिलीगुड़ी से दिल्ली और यूपी के प्रमुख शहरों की यात्रा आसान हो जाएगी। इसके बनने के बाद मोतिहारी से सिलीगुड़ी की दूरी 390 किलोमीटर तो गोरखपुर की दूरी 130 किलोमीटर रह जाएगी।