{"vars":{"id": "106882:4612"}}

यमुना एक्सप्रेसवे से केजीपी को जोड़ेगा यह इंटरचेंज! जानें कहाँ हो रहा निर्माण

यमुना एक्सप्रेसवे  शासन ने यहां प्रस्तावित इंटरचेंज के निर्माण की अनुमति दे दी है। अनुमति के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भी निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इसके निर्माण में एक वर्ष का समय लगने का अनुमान है।  यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए इंटरचेंज को बनाने का काम वर्ष 2023 में शुरू हुआ था। प्राधिकरण ने निजी कॉन्ट्रैक्टर को इसे बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इसका शिलान्यास किया था। 
 

Yamuna Expressway : यमुना एक्सप्रेसवे  शासन ने यहां प्रस्तावित इंटरचेंज के निर्माण की अनुमति दे दी है। अनुमति के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भी निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इसके निर्माण में एक वर्ष का समय लगने का अनुमान है।  यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए इंटरचेंज को बनाने का काम वर्ष 2023 में शुरू हुआ था। प्राधिकरण ने निजी कॉन्ट्रैक्टर को इसे बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इसका शिलान्यास किया था। 

इसके निर्माण में 122 करोड़ रुपये खर्च होने थे। दावा किया जा रहा था कि एयरपोर्ट शुरू होने से पहले इसे तैयार कर दिया जाएगा, लेकिन थोड़े दिनों बाद ही डेवलपर कंपनी ने इसके निर्माण में लगने वाली मिट्टी पर खर्च होने वाले 22 करोड़ रुपये का एस्टीमेट डाल दिया और काम रुक गया। 22 करोड़ का पेंच फंसने के चलते कई महीने तक निर्माण नहीं हो सका, बाद में प्राधिकरण ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हीं से इंटरचेंज बनाने के लिए सहमति बनाई, लेकिन इसके लिए शासन की अनुमति की आवश्यकता थी।

कई महीनों से अनुमति का इंतजार जारी था, लेकिन अब शासन ने इसके लिए अनुमति दे दी है, जिससे इसके निर्माण का रास्ता खुल गया है। 2019 में पहली बार हुआ था कंपनी का चयन : वर्ष 2019 में सबसे पहले इस इंटरचेंज को बनाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन किसानों के विवाद के चलते कंपनी काम नहीं कर पाई। करीब चार साल का समय किसानों के साथ विवाद ना सुलझने की वजह से बर्बाद हो गया, जोकि वर्ष 2023 में सुलझ गया था, लेकिन उसके बाद संबंधित ठेकेदार कंपनी ने 22 करोड़ की मांग रख दी, जिसके चलते एक बार फिर से काम रुक गया, बाद में एनएचएआई ने काम करने की जिम्मेदारी ली तो शासन स्तर से अनुमति का पेंच आ गया। यमुना एक्सप्रेसवे पर जीरो पॉइंट से 10 किलोमीटर पर जगनपुर-अफजलपुर में केजीपी को जोड़ा जाएगा। 

ग्रेटर नोएडा से होकर गुजर रहे केजीपी का यमुना एक्सप्रेसवे से अभी तक कोई लिंक नहीं है। इस वजह से केजीपी पर आगरा जाने वाले वाहन चालकों को 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। परी चौक और कासना के जाम से जूझना पड़ता है। फिलहाल सिरसा के पास ईस्टर्न पेरिफेरल का इंटरचेंज है। ऐसे में वाहन चालकों की परेशानी को देखते हुए एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए दनकौर क्षेत्र के जगनपुर गांव के पास इंटरचेंज बनाने का निर्णय लिया गया है। दोनों ही एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेज पर आठ लूप बनाने हैं, जोकि कुल 6.6 किलोमीटर के होंगे। इनमें चार लूट उतरने व चार लूप चढ़ने के लिए बनाए जाएंगे। 

इससे एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों को इंटरचेंज से उतरने व चढ़ने के लिए जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। यमुना एक्सप्रेसवे और केजीपी को जोड़ने के लिए दो बार प्रस्ताव यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बोर्ड बैठक में रखा। इस बार भी यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा गया था। 

प्रमुख सचिव अनिल सागर को इंटरचेंज न होने की वजह से होने वाली परेशानी के बारे में बताया गया यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, ''यमुना एक्सप्रेसवे और केजीपी को जोड़ने के लिए जगनपुर अफजलपुर में इंटरचेंज बनाने के लिए शासन की अनुमति मिल गई है। इंटरचेंज का निर्माण एनएचएआई करेगा, अगले वर्ष में इसे पूरा कर लिया जाएगा।''