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राजस्थान में हुआ अनोखा चमत्कार, बंदर को समाधि देते हुए प्रकट हुई हनुमान जी मूर्ति 

हरिपुरा गांव के पास स्थित तालाब पर बंदर को समाधि देते समय निकली कई साल पुरानी हनुमान की मूर्ति को तालाब की पाल पर रखा था, जिसे ग्रामीणों ने साक्षात प्रकट हनुमान का रूप माना और तालाब के किनारे पाल पर उस मूर्ति को विराजित कर सुंदरकांड करवा कर पूजा पाठ शुरू करवाया गया।वहीं जिस स्थान पर मूर्ति रखी गई। वहां से मूर्ति गायब मिली। इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने सांचौर पुलिस को दी। मौके पर आए सांचौर थाने के एएसआई जाकाराम के द्वारा मौका रिपोर्ट बनाकर अनुसंधान शुरू किया गया। 
 

Rajatshan News : हरिपुरा गांव के पास स्थित तालाब पर बंदर को समाधि देते समय निकली कई साल पुरानी हनुमान की मूर्ति को तालाब की पाल पर रखा था, जिसे ग्रामीणों ने साक्षात प्रकट हनुमान का रूप माना और तालाब के किनारे पाल पर उस मूर्ति को विराजित कर सुंदरकांड करवा कर पूजा पाठ शुरू करवाया गया।वहीं जिस स्थान पर मूर्ति रखी गई। वहां से मूर्ति गायब मिली। इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने सांचौर पुलिस को दी। मौके पर आए सांचौर थाने के एएसआई जाकाराम के द्वारा मौका रिपोर्ट बनाकर अनुसंधान शुरू किया गया। 

इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।गौरतलब है कि इससे पहले चूरू जिले के सुजानगढ़ उपखंड के पश्चिमी छोर में द्रोणगिरी की पहाड़ियों की तलहटी में बसे गांव गोपालपुरा में खुदाई के समय प्राचीन मूर्ति निकली थी। हालांकि मूर्ति किस देवता की है और कितनी पुरानी है इसे लेकर फिलहाल संशय बना हुआ है। पूरी तस्वीर पुरात्तव विभाग की जांच के बाद ही साफ हो पाएगी। बहरहाल मूर्ति सुजानगढ़ के सदर थाने में रखवाई गई है।गांव गोपालपुरा के ग्रामीणों के मुताबिक मूर्ति गांव के खनन इलाके में मिली थी। इसके बाद मजदूर मूर्ति को पत्थरों के साथ ट्रेक्टर ट्रोली में डालकर एक क्रेशर पर ले गए। 

इसके बाद क्रेशर पर गांव के नारायण पुजारी की नजर मूर्ति पर पड़ी। उसने मूर्ति की तस्वीर लेकर सुजानगढ़ व बीदासर के जैन समुदाय के लोगों को भेजी। नारायण ने फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल की। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। सदर थानाधिकारी सुखराम चोटिया व तहसीलदार सुभाष स्वामी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मूर्ति को अपने कब्जे में लिया व थाने में रखवाया।