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राजस्थान उपचुनाव की सीटों पर अब तक कौन है सबसे आगे, देखें पूरी जानकारी यहां 

राजस्थान की सात सीटों पर भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी के साथ कुछ अन्य दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मतदान 13 नवंबर को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक होगा। मतदान के बाद चुनाव परिणाम जानने के लिए दस दिन का इंतजार करना होगा। मतगणना 23 नवंबर को होनी है। उसी दिन अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के मतों की गणना भी होनी है। राजस्थान की सात सीटों पर होने वाला चुनाव कई मायनों में अहम है। 
 

Rajasthan News : राजस्थान की सात सीटों पर भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी के साथ कुछ अन्य दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मतदान 13 नवंबर को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक होगा। मतदान के बाद चुनाव परिणाम जानने के लिए दस दिन का इंतजार करना होगा। मतगणना 23 नवंबर को होनी है। उसी दिन अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के मतों की गणना भी होनी है। राजस्थान की सात सीटों पर होने वाला चुनाव कई मायनों में अहम है। 

इन चुनाव से सरकार सहित कई नेताओं की साख जुड़ी हुई है।इस बार के उपचुनावों में भाजपा ने पूरा जोर लगाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ लगातार चुनाव प्रचार में जुटे रहे। नामांकन रेलियों से लेकर प्रचार के अंतिम दिन तक ताबड़तोड़ सभाएं की गई। केंद्रीय मंत्रियों ने भी इन चुनावी रेलियों में हिस्सा लिया। सात सीटों में भाजपा के पास केवल एक सीट (सलूंबर) थी लेकिन उपचुनाव में भाजपा चार से पांच सीटों पर मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। सलूंबर सीट भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जा रही है। 

साथ ही दौसा में जगमोहन मीणा, देवली उनियारा में राजेंद्र गुर्जर, खींवसर में रेवंत राम डांगा के साथ झुंझुनूं में इन उपचुनावों को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने खास रूची नहीं दिखाई। कुछ प्रत्याशी ऐसे थे जिन्होंने अपने स्तर पर नामांकन दाखिल करना पड़ा। नामांकन सभाओं में पार्टी के बड़े नेता शामिल नहीं हुए। पीसीसी चीफ होने के नाते गोविंद सिंह डोटासरा जरूर प्रचार में व्यस्त नजर आए लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महाराष्ट्र में व्यस्त रहे। वे राजस्थान की सभी सातों सीटों के प्रत्याशियों को समय नहीं दे सके। सचिन पायलट को भी कम समय मिला और वे भी सभी सातों सीटों पर चुनाव प्रचार करने नहीं गए। नेता प्रतिपक्ष भी रामगढ़ तक सीमित रहे। कांग्रेस को झुंझुनूं से जीत की पूरी उम्मीद है। पार्टी के नेता दौसा, देवली उनियारा और दौसा में भी जीत का दावा किया जा रहा है।