{"vars":{"id": "106882:4612"}}

महस 18 साल की लड़की अपने पति के साथ चिता में जलकर हो गई सती, छीनी सीएम की कुर्सी

37 साल पहले, 1987 में, राजस्थान के एक छोटे से गांव में एक ऐसी घटना घटी जिसने न केवल सामाजिक मान्यताओं को झकझोर दिया, बल्कि राजनीतिक समीकरणों को भी बदल दिया। रूपकंवर, महज 18 साल की एक लड़की, अपने पति के साथ सती हो गई, और इस कांड ने देशभर में हलचल मचा दी।
 

Rajatshan News : 37 साल पहले, 1987 में, राजस्थान के एक छोटे से गांव में एक ऐसी घटना घटी जिसने न केवल सामाजिक मान्यताओं को झकझोर दिया, बल्कि राजनीतिक समीकरणों को भी बदल दिया। रूपकंवर, महज 18 साल की एक लड़की, अपने पति के साथ सती हो गई, और इस कांड ने देशभर में हलचल मचा दी।

कानूनी पहलू

रूपकंवर सती कांड में कुल 45 आरोपी थे, जिनमें से 25 को 2004 में ही बरी कर दिया गया था। हाल ही में, 9 अक्टूबर को, कोर्ट ने 8 आरोपियों को फिर से बरी कर दिया।

राजनीतिक प्रभाव

इस कांड ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा, जो इस घटना के प्रति सरकार की नाकामी को दर्शाता है।

सती प्रथा पर बहस

इस घटना ने सती प्रथा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई। कई संगठनों ने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किए, जिससे समाज में बदलाव की दिशा में कदम उठाए गए।

रूपकंवर सती कांड ने राजस्थान की सामाजिक और राजनीतिक संरचना को हिला कर रख दिया। 37 साल बाद भी, यह घटना आज भी चर्चा का विषय है, और हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमने समाज में सुधार किया है। इस कांड ने न केवल कानूनों को सख्त बनाने की आवश्यकता को उजागर किया, बल्कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।