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राजस्थान के नागरिकों ने सरकार पर उठाए सवाल, यहाँ जानें पूरा मामला

राजस्थान सरकार के सीएम भजनलाल शर्मा ने हाल ही में केन्द्रीय कर्मचारियों व अफसरों को लेकर फेरबदल किया हैं। आपकों बता दे की सीएम शर्मा द्वारा कार्मिक विभाग और गृह विभाग सहित कई अहम विभागों में अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. इनमें IAS, IPS और RAS अधिकारियों के साथ-साथ अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सहायक निदेशक और उपखंड अधिकारियों की नई नियुक्तियां शामिल हैं. 
 

Breaking News : राजस्थान सरकार के सीएम भजनलाल शर्मा ने हाल ही में केन्द्रीय कर्मचारियों व अफसरों को लेकर फेरबदल किया हैं। आपकों बता दे की सीएम शर्मा द्वारा कार्मिक विभाग और गृह विभाग सहित कई अहम विभागों में अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. इनमें IAS, IPS और RAS अधिकारियों के साथ-साथ अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सहायक निदेशक और उपखंड अधिकारियों की नई नियुक्तियां शामिल हैं. 

लेकिन अब  इस मुद्दे पर जयपुर के नागरिकों से बात की तो अधिकतर लोगों ने यही कहा कि एक अधिकारी को अपने क्षेत्र की समस्याएं समझने और समाधान की दिशा में काम शुरू करने में समय लगता है. लेकिन उससे पहले ही उनका तबादला कर दिया जाता है. इससे काम अधूरा रह जाता है और विभागों में निरंतरता नहीं बन पाती. राजस्थान में प्रशासनिक तबादले लगभग हर साल होते हैं और कभी-कभी तो छह महीने में ही अधिकारी बदल दिए जाते हैं. जयपुर के लोग बताते हैं कि राज्य में तबादलों की एक परंपरा सी बन गई है. सरकार बदलते ही यह प्रक्रिया तेज हो जाती है. तबादलों से जहां एक ओर सुशासन की उम्मीद होती है वहीं दूसरी ओर बार-बार बदलाव से प्रशासनिक स्थिरता बाधित होती है. 

जनता की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रहती हैं क्योंकि अफसर बदलते रहते हैं और नई टीम को फिर से शुरुआत करनी पड़ती है. इस बीच, यह भी देखा गया है कि तबादले भ्रष्ट अधिकारियों पर नियंत्रण का जरिया भी बनते हैं. जो अधिकारी लंबे समय से एक ही पद पर जमे रहते हैं और मनमानी करते हैं, उनके लिए तबादले एक सही फैसला साबित होते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में ईमानदार और मेहनती अधिकारियों का समय कम होने के कारण उनके अच्छे कामों की रफ्तार थम जाती है.सरकार ने हाल ही में 12 IAS, 142 RAS और 91 IPS अधिकारियों के तबादले किए हैं. यह तबादले मुख्य रूप से राज्य में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक कार्यकुशलता को सुधारने के उद्देश्य से किए गए हैं. 

इन बदलावों में पुलिस और प्रशासनिक ढांचे में अनुभवी और जमीनी समझ रखने वाले अधिकारियों को प्राथमिकता दी गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े कुछ अफसरों का भी तबादला किया गया है. खास बात यह है कि इस बार कुछ ऐसे युवा अफसरों को भी जिम्मेदारी दी गई है जिन्होंने हाल ही में IAS की ट्रेनिंग पूरी की है. उन्हें पहली बार उपखंड अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है. इससे राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में युवाओं और अनुभवी अफसरों का बेहतर संतुलन दिखाई देता है. सरकार का मानना है कि इस नई टीम से राजस्थान में सुशासन की दिशा में सकारात्मक बदलाव आएगा.