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राजस्थान में राशन कार्ड धारकों के लिए जरूरी खबर, इन लोगों को नहीं मिलेगा फ्री राशन

लंबे समय से इंतजार के बाद चयनित परिवारों के सदस्यों नाम जुड़वाने के लिए गत दिनों खोला गया पोर्टल बिना कोई कारण बताए और अंतिम तारीख से पहले बंद कर दिया गया है।
 

Free Ration: लंबे समय से इंतजार के बाद चयनित परिवारों के सदस्यों नाम जुड़वाने के लिए गत दिनों खोला गया पोर्टल बिना कोई कारण बताए और अंतिम तारीख से पहले बंद कर दिया गया है।

ऐसे में कई पात्र परिवार अपने सदस्यों के नाम जुड़वाने से वंचित रह गए हैं और ई-मित्र कियोस्क से बैरंग लौट रहे हैं। इधर, कागजी खानापूर्ति के लिए समय नहीं देने और अचानक पोर्टल बंद करने से वंचितों में रोष है। वहीं, सूत्रों की मानें तो पोर्टल पर तकनीकी व अन्य खामियां थी। इस कारण पोर्टल को बंद किया गया है। नया पोर्टल आने की संभावना है। ।

अचानक पोर्टल बंद

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने चार वर्ष बाद खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 10 अगस्त को आदेश जारी किए थे। इसके तहत पूर्व से चयनित परिवारों के 18 वर्ष तक के बच्चों एवं विवाहित महिलाओं के नाम जोड़ने के लिए पोर्टल खोला था।

इसके तहत पूर्व से चयनित परिवारों की बेटियों के शादी होने के उपरांत पति के भी खाद्य सुरक्षा योजना का राशन कार्ड बना होने पर नया नाम जोड़ने के लिए पोर्टल खोला था। इसके तहत जिले सहित पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में आवेदन ई-मित्र से शुरू हो गए थे। करीब एक माह तक पोर्टल चलने के बाद यकायक पोर्टल बंद हो गया।

कागजी खानपूर्ति में निकल गया समय

लोगों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए विभाग ने बहुत कम समय दिया। राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड बनवाने तथा विवाहिताओं के विवाह प्रमाण पत्र व पिता के राशन कार्ड से नाम हटवाने की एनओसी आदि लेने में समय लगता है। खाद्य सुरक्षा पोर्टल के सक्रिय होने के साथ ही ई-मित्र केन्द्रों पर पात्र परिवारों की कतारे लग गई। ऐसे में कई ई-मित्र संचालकों के वहां आवेदकों की कतार एवं उनके आवेदनों के ढेर लग गए। कई आवेदन पोर्टल पर अपलोड करने शेष रह गए हैं और अचानक ही पोर्टल बंद होने से लोग ई-मित्र केन्द्रों के संचालकों पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

खाद्य योजना से 3 लाख 55 हजार लोग जुड़े हैं। पुराना पोर्टल सरकार के स्तर पर बंद किया गया है। जल्द ही इसके स्थान पर नया पोर्टल आएगा, यह और अधिक सुविधाजनक होगा।- हजारीलाल आलोरिया, जिला रसद अधिकारी