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राजस्थान में गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद इस तारीख से होगी शुरू! जानिए किसान भाइयों को कितना मिलेगा मूल्य 

भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा अजमेर जिले में 10 मार्च से गेहूं की खरीद की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस बार जिले के विभिन्न स्थानों पर गेहूं की खरीद के लिए 12 केन्द्र स्थापित किए गए हैं। पाली, अजमेर, भीलवाड़ा और नागौर जिलों में निर्धारित केन्द्रों पर किसानों से गेहूं खरीदी जाएगी। हालांकि, पाली जिले में दो केन्द्र (सुमेरपुर और तखतगढ़) ही बनाए गए हैं, जिससे वहां के किसानों को खरीद प्रक्रिया में दिक्कतें आ सकती हैं।
 

Rajasthan Wheat MSP: भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा अजमेर जिले में 10 मार्च से गेहूं की खरीद की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस बार जिले के विभिन्न स्थानों पर गेहूं की खरीद के लिए 12 केन्द्र स्थापित किए गए हैं। पाली, अजमेर, भीलवाड़ा और नागौर जिलों में निर्धारित केन्द्रों पर किसानों से गेहूं खरीदी जाएगी। हालांकि, पाली जिले में दो केन्द्र (सुमेरपुर और तखतगढ़) ही बनाए गए हैं, जिससे वहां के किसानों को खरीद प्रक्रिया में दिक्कतें आ सकती हैं।

गेहूं की खरीद के केन्द्र

पाली-सुमेरपुर, तखतगढ़
अजमेर-केकड़ी, कादेड़ा, ब्यावर, बिजयनगर
भीलवाड़ा-गुलाबपुरा, मांडलगढ़, जहाजपुरा, कोटड़ी
नागौर-नागौर

इन जिलों में कुछ स्थानों पर खरीद के केन्द्रों की संख्या सीमित है, और कई स्थानों पर खरीद का लक्ष्य भी कम निर्धारित किया गया है। जिससे किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने में समस्या आ सकती है।

पंजीकरण और टोकन प्रक्रिया

गेहूं को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसानों को पहले पंजीकरण करवाना होगा और टोकन प्राप्त करना होगा। इसके लिए किसानों को अपनी जानकारी सही और अपडेटेड रखने की आवश्यकता होगी।

आवश्यक दस्तावेज़

जन आधार कार्ड
बैंक अकाउंट में मिसमैच त्रुटियों का सुधार
जमीन की हकदारी संबंधित विसंगति का समाधान
गिरदावरी में कोई गलती हो तो उसे सही कराना

गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल से 150 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। इसके अलावा, राजस्थान सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी घोषित किया है, जिससे कुल समर्थन मूल्य 2575 रुपये प्रति क्विंटल रहेगा।

पाली जिले में इस बार गेहूं की बुवाई 93 हज़ार हैक्टेयर से अधिक में की गई है, जिससे उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ दूरदराज के क्षेत्रों जैसे सोजत, रोहट, जैतारण आदि के किसानों को खरीद केन्द्रों की दूरी के कारण परेशानी हो सकती है। 

सरदारसमंद, हेमावास आदि क्षेत्र में सिंचाई के लिए बांधों से पानी मिलने के कारण गेहूं का उत्पादन और बढ़ सकता है। पाली के दूरदराज क्षेत्रों के किसानों को खरीद केन्द्रों तक पहुंचने में कठिनाई हो सकती है, और उन्हें बाजार में अपनी फसल बेचने में समस्या हो सकती है।