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हरियाणा के दीयों से चमकेगा राजस्थान, 70 लाख के दीयों का मिला ऑर्डर 

स्वदेशी माल की मांग ज्यादा है। इसका असर यह है कि दीये बनाने वाले परिवार ऑर्डर कैंसिल कर रहे हैं। दीपावली पर बिकने वाले दीयों की डिम मिट्टी के दीयों की बढ़ती मांग देखकर कारीगर के चाक की स्पीड भी काफी तेज हो गई है। शहर में करीब 150 परिवार दो माह से दीये तैयार कर रहे हैं। पिछले वर्ष दिवाली पर एक करोड़ दीये बनाने के ऑर्डर परिवारों के पास पहुंचे थे। इनको कई बड़े ऑर्डर कैंसिल भी करने पड़े हैं। 
 

Rajasthan News : स्वदेशी माल की मांग ज्यादा है। इसका असर यह है कि दीये बनाने वाले परिवार ऑर्डर कैंसिल कर रहे हैं। दीपावली पर बिकने वाले दीयों की डिम मिट्टी के दीयों की बढ़ती मांग देखकर कारीगर के चाक की स्पीड भी काफी तेज हो गई है। शहर में करीब 150 परिवार दो माह से दीये तैयार कर रहे हैं। पिछले वर्ष दिवाली पर एक करोड़ दीये बनाने के ऑर्डर परिवारों के पास पहुंचे थे। इनको कई बड़े ऑर्डर कैंसिल भी करने पड़े हैं। 

लेकिन अब आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गया है। अब तक 70 लाख से ज्यादा तैयार दीयों की पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में डिलीवरी हो चुकी है। प्रजापत राम कुमार ने बताया कि दीपावली पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीये बनाने का काम पिछले दो माह से शुरू है। मिट्टी के दीये बनाने के लिए परिवार के सभी सदस्य 16 से 17 घंटे दीये बनाने में जुटे हैं। 

उन्होंने बताया कि मिट्टी से निर्मित मूर्तियां, दीये व खिलौने पूरी तरह इको फ्रेंडली होते हैं। मनीष व संदीप प्रजापत ने बताया कि दीये बनाने का काम उनका पुश्तैनी है। इस बार दीयों की डिमांड बहुत ज्यादा है। मनीष ने बताया कि अब तक उन्होंने 10 लाख दीये ऑर्डर पर तैयार करके अन्य राज्यों में भेज चुके हैं, जबकि अभी और ऑर्डर आए हुए हैं। पेट्रोल व डीजल महंगा होने के कारण मिट्टी की ट्रॉली भी महंगी हो गई है। जिसके चलते दीये से लेकर मिट्टी की हर आइटम भी महंगी हो चुकी है। पहले एक हजार में मिट्टी की ट्रॉली आती थी, लेकिन अब 2200 रुपए हो गई है। पिछले 25 वर्षों से मिट्टी के दीये तैयार कर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की मार से मिट्टी भी हुई महंगी