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राजस्थान में बनने वाले 17 नए जिलों को लेकर चल रहा विवाद अभी तक नहीं रूका, जानिए ताजा अपडेट 

जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने जुलाई में पेश बजट और एप्रोप्रिएशन बिल के दौरान घोषित नए उपखंड, तहसील, उप-तहसील और नए राजस्व गांवों को नो​टिफाई करने की मंजूरी दे दी है। बजट में घोषित इन प्रशासनिक यूनिटों के गठन पर जनगणना की रोक नहीं रहेगी। राजस्व विभाग ने जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को अगस्त में चिट्ठी लिखकर नए जिले, उपखंड, तहसील और राजस्व गांव बनाने और उनकी बाउंड्री बदलने पर लगी रोक से छूट देने की मांग की थी।
 

Rajasthan news : जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने जुलाई में पेश बजट और एप्रोप्रिएशन बिल के दौरान घोषित नए उपखंड, तहसील, उप-तहसील और नए राजस्व गांवों को नो​टिफाई करने की मंजूरी दे दी है। बजट में घोषित इन प्रशासनिक यूनिटों के गठन पर जनगणना की रोक नहीं रहेगी। राजस्व विभाग ने जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को अगस्त में चिट्ठी लिखकर नए जिले, उपखंड, तहसील और राजस्व गांव बनाने और उनकी बाउंड्री बदलने पर लगी रोक से छूट देने की मांग की थी।

 इसके लिए 20 अगस्त को ही चिट्ठी लिखी थी। राजस्थान सरकार की इस चिट्ठी पर जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जवाब आ गया है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के ऑफिस ने राजस्थान सरकार को जिलों पर मांगी गई छूट पर कोई राहत नहीं दी है। जिलों का जिक्र तक नहीं किया है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर ने लिखा- राज्य में जिन राजस्व गांवों को घोषित करने की मंजूरी राजस्व मंत्री से मिली है और 2024-25 के बजट के दौरान दौरान जिन नए उपखण्ड, तहसील और उप-तहसील बनाने की घोषणा की जा चुकी है।

उनकी अधिसूचनाएं जारी की जा सकती है। 1 जुलाई से नई प्रशासनिक इकाई बनाने पर जनगणना की रोक जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने 1 जुलाई से सभी प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज कर दिया था। 1 जुलाई के बाद किसी तरह के नए जिले, उपखंड, तहसील और गांव बनाने और उनकी बाउंड्री में बदलाव पर रोक लगाई हुई है। बिना जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की मंजूरी के वार्ड की सीमा में भी बदलाव नहीं हो सकता। राजस्व विभाग ने अगस्त में जनगणना निदेशालय को लेटर लिखकर नए जिले, उपखंड और तहसील की सीमाएं फ्रीज होने के बाद छूट दिए जाने की मांग की थी। इसका जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने यह जवाब दिया है।

राजस्व विभाग ने अगस्त में जनगणना निदेशालय को लेटर लिखकर नए जिले, उपखंड और तहसील की सीमाएं फ्रीज होने के बाद छूट दिए जाने की मांग की थी। इसका जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने यह जवाब दिया है। सीएम ने गृह मंत्री अमित शाह को ​लेटर भेजकर मांगी थी छूट, अभी जवाब का इंतजार सीएम भजनलाल शर्मा ने भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेटर भेजकर नए जिलों के गठन और उनकी बाउंड्री में बदलाव करने पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। 

इस लेटर पर अभी जवाब आना बाकी है। सरकार को छूट नहीं मिली तो गहलोत राज के जिलों को मर्ज करने में लगेगा समय फिलहाल सरकार को जिलों की बाउंड्री में बदलाव करने, नए जिले बनाने अथवा जिले रद्द करने की जनगणना रजिस्ट्रार जनरल से कोई मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे हालात में अब जिलों के रिव्यू को धरातल पर तब तक नहीं उतारा जा सकेगा जब तक जनगणना की रोक नहीं हटती है। अगर जनगणना की घोषणा हो जाती है तो अगले दो साल तक जिलों में बदलाव नहीं हो सकेगा। 

सरकार ने मंत्रियों की ​कमेटी को गहलोत राज के जिलों के रिव्यू का जिम्मा दे रखा है। सरकार अपने स्तर पर तो गहलोत राज के जिलों पर फैसला कर सकती है, लेकिन उनकी बाउंड्री में बदलाव नहीं कर सकती। कानून मंत्री बोले- यह एक कानूनी प्रश्न है, फिलहाल तो समीक्षा कर रहे हैं जनगणना की रोक से जुड़े सवाल पर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- यह एक कानूनी प्रश्न है, अभी हमारा मुद्दा जिले बनाना या घटाना विषय नहीं है। 

अभी तो जो जिले बने हैं, उनकी समीक्षा कर रहे हैं। अगर हमको लगेगा यह जिला कम करना है या बनाना है या एडिशनल अल्टरेशन करना है। केंद्र सरकार से विचार करेंगे, जनगणना की परमिशन लेंगे। परमिशन के बाद विधिवत जो निर्णय होगा वह किया जाएगा।

गहलोत-राज में बने जिलों पर जल्द फैसला लेगी भजनलाल सरकार:प्रशासनिक सीमाएं खुलवाने के लिए सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिलों को लेकर भजनलाल सरकार जल्द फैसला लेना चाहती है। प्रस्तावित जनगणना के चलते राज्य की प्रशासनिक सीमाएं सील हैं। ऐसे में सरकार चाहकर भी जिलों के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन नहीं कर सकती है। इसे लेकर अब सीएम भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।