गंगा एक्सप्रेसवे का इंतजार हुआ खत्म, इस दिन से गाड़ियों का फर्राटा भरना शुरू, देखें जानकारी
Expressway News : गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जोरों पर है और 2025 के कुंभ (Kumbh 2025) मेले से पहले इस एक्सप्रेसवे का चालू करने के लिए सरकार पूरा जोर लगा रही है. लेकिन, बारिश इस एक्सप्रेसवे को समय पर पूरा करने में खूब बाधा खड़ी कर रहा है. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) कर रहा है. एक्सप्रेसवे के 150 किलोमीटर हिस्से में मिट्टी भराई का काम बारिश की वजह से पूरा नहीं हो पाया है. अब तक 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे (मेरठ से उन्नाव के बीच) में से 300 किलोमीटर के हिस्से में 80 प्रतिशत मिट्टी भराई का काम पूरा हो चुका है. शेष कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए यूपीडा प्रयास कर रहा है ताकि 31 दिसंबर तक इसे चालू किया जा सके.
594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) यूपी के 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास खत्म होगा. गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद मेरठ से प्रयागराज केवल 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. इस एक्सप्रेसवे पर कारें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार दौड़ेंगी. यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे है लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन तक चौड़ा किया जा सकता है.
कितना हुआ काम?
UPEIDA की वेबसाइट पर गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य कैरिजवे का 81 फीसदी मिट्टी भराई का काम पूरा हो चुका है, जबकि मुख्य कैरिजवे में साइट क्लीयरेंस (C&G) का काम 100 फीसदी पूरा हो चुका है. ग्रैन्युलर सब-बेस (GSB) का 61 फीसदी और वेट मिक्स मैकाडम (WMM) का 57 फीसदी काम पूरा हो चुका है. डेंस बिटुमिनस मैकाडम (DBM) बिछाने का 54 फीसदी काम हो चुका है. 1481 संरचनाओं (पुल-पुलिया आदि) में से 1295 का निर्माण हो चुका है. UPEIDA के अतिरिक्त सीईओ श्रीहरी शाही ने कहा कि कोई देरी नहीं है, और एक्सप्रेसवे को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि “पैकेज 1 और पैकेज 2 (मेरठ से उन्नाव के बीच लगभग आधे एक्सप्रेसवे) का काम पूरा हो चुका है. पैकेज 3 और पैकेज 4 में लगभग 125-150 किलोमीटर हिस्से को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. मानसून ने काम को प्रभावित किया है, क्योंकि निर्माण क्षेत्र पानी से भरा हुआ है. हम अब सोनभद्र या अन्य क्षेत्रों से लगभग 1 करोड़ घन मीटर फ्लाई ऐश की तलाश कर रहे हैं ताकि इस हिस्से को पूरा किया जा सके.
गंगा एक्सप्रेसवे रूट
पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे लोगों के लिए गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) शुरुआत मेरठ से होगी. मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज पर खत्म होगा. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.