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Mughal Harem: अनेकों दासियों के साथ रात बिताने के लिये  ये खास चीज खाते थे मुगल, घंटे भर मे दासियों की कर देते थे एसे हालत 

 

Mughal Harem: मुग़ल साम्राज्य का इतिहास एक विस्मयादित्यपूर्ण चरित्रचित्रण है, जिसमें उनके राजमहलों, शाही भोजन और दिलकश जीवनशैली की कहानियाँ शामिल हैं। इस दौरान, मुग़ल शाही खाद्य संग्रह भी बहुत मशहूर था, जहां वे अपनी समृद्ध दासी वर्ग के साथ रातें बिताते थे। इस लेख में, हम इस आकर्षक और रोचक विषय पर विचार करेंगे और यह जानेंगे कि मुग़लों ने रातें बिताने के लिए कौन-कौन सी खास चीजें खाई थीं और उनकी दासियों के साथ ऐसी कैसी हालत थीं।

अनेकों दासियों के साथ रात बिताने के लिए खास चीजें

मुग़ल साम्राज्य में रातें बिताने का एक अद्वितीय तरीका था। यहां पर हम विस्तार से जानेंगे कि मुग़ल सम्राटों के आहार में कौन-कौन सी खास चीजें शामिल थीं और वे किस तरह से अपनी दासियों के साथ रातें बिताते थे।

भारतीय मिठाई

मुग़ल शाही भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय मिठाई थी। वे अपनी दासियों के साथ रात्रि भोजन के दौरान खासकर मिठाई का आनंद लिया करते थे। कुछ प्रमुख मिठाइयाँ जैसे कि गुलाब जामुन, जलेबी, पिस्ता बर्फी, रसगुल्ले आदि सामान्यतः इन रातें के भोजन में शामिल होती थीं।

मुर्ग़ मांस

मुग़ल सम्राटों का मांसपेशियों के प्रति शौक दुनिया भर में मशहूर है। उन्होंने रात्रि भोजन में मुर्ग़ मांस का अधिकांश सेवन किया करते थे। यह मुर्ग़ मांस उनके भोजन की भूमिका को मजबूत और ज्ञात करता था और उनकी दासियों को भी आनंद प्रदान करता था।

बिरयानी

मुग़ल सम्राटों की खानपान की प्रमुख पहचान बिरयानी थी। बिरयानी एक मिश्रित चावली डिश है जिसमें चावल, मांस और विभिन्न मसाले शामिल होते हैं। इसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी दासियों के साथ बिताई जाने वाली रातों के दौरान बड़े ही शौक से खाया था।

मेवा

मुग़ल राजस्थानी मेवा (सूखे मेवे) को भी अपने भोजन में शामिल करने के लिए प्राथमिकता देते थे। मेवा विभिन्न प्रकार के ड्राइड फ्रूट्स का मिश्रण होता है, जिसमें काजू, बादाम, पिस्ता, खजूर, मुनक्का, किशमिश, अंजीर आदि शामिल होते हैं। यह मुग़ल सम्राटों के खाद्य संग्रह का एक महत्वपूर्ण अंग था और रातें बिताने के समय इसका आनंद लिया जाता था।

दासियों की स्थिति

मुग़ल सम्राटों के दासी वर्ग उनके साथी और अनुयायी थे। रात्रि भोजन के दौरान वे दासियों की ख्याति और स्तर को महत्व देते थे और उन्हें उच्चतम स्तर के भोजन के साथ आमंत्रित किया जाता था। दासियों को सम्मान देना मुग़ल सम्राटों की संस्कृति और आदर्शों का प्रतीक था।

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वे दासियों की सेवा के लिए विशेष रूप से नियुक्त थे और रात्रि भोजन के दौरान उनकी सेवा की व्यवस्था भी की जाती थी। मुग़ल सम्राटों के द्वारा उन्हें अपार सम्मान और मुकुट दिए जाते थे ताकि वे अपने कार्य को ध्यान से निभा सकें।

निष्कर्ष

मुग़ल साम्राज्य की इस शानदार भोजन परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उनके दासियों के साथ रातें बिताने की थी। खाद्य संग्रह में भारतीय मिठाई, मुर्ग़ मांस, बिरयानी और मेवा के सेवन को प्राथमिकता दी जाती थी। इसके साथ ही, दासियों को सम्मान और सेवा की गई, जो मुग़ल सम्राटों की शानदार और विलासपूर्ण जीवनशैली का प्रतीक थी। मुग़ल साम्राज्य के इस खाद्य संग्रह ने उनके शासन काल को एक विशेष और यादगार मुकाम प्रदान किया।