भारत में अचानक से बढ़ी सीएनजी गाड़ियों की डिमांड, ये हैं बड़ा कारण
CNG vehicles : भारत में सीएनजी (CNG) गाड़ियों की डिमांड में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह बढ़ती हुई डिमांड स्वच्छ ईंधन, पर्यावरण सुरक्षा, और कम ईंधन लागत जैसे लाभों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ने के कारण है। इसके साथ ही, भारत सरकार द्वारा सीएनजी वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें सीएनजी फिलिंग स्टेशन की संख्या में वृद्धि शामिल है। आइए जानते हैं सीएनजी गाड़ियों की बढ़ती हुई डिमांड और इसके कारणों के बारे में।
सीएनजी गाड़ियों की बिक्री में तीन गुना बढ़ोतरी
भारत में सीएनजी वाहनों की बिक्री 2016 तक 26 लाख यूनिट्स थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 75 लाख के करीब पहुंच चुका है। यानी पिछले कुछ वर्षों में सीएनजी गाड़ियों की बिक्री में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे प्रमुख कारणों में स्वच्छ ईंधन के प्रति लोगों का बढ़ता रुझान और सीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार है। इसके अलावा, कम खर्च में लंबी दूरी तय करने की क्षमता भी सीएनजी वाहनों को आकर्षक बनाती है।
सीएनजी गाड़ियों की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए सीएनजी फिलिंग स्टेशन की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 2016 तक भारत में केवल 1,081 सीएनजी फिलिंग स्टेशन थे, लेकिन अब तक 7,400 से ज्यादा फिलिंग स्टेशन खुल चुके हैं। इसका मतलब है कि सीएनजी वाहनों के मालिकों को अब आसानी से री-फिलिंग की सुविधा मिल रही है। यह वृद्धि CNG फिलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के मजबूत होने का परिणाम है, जिससे लोगों का सीएनजी गाड़ियों पर विश्वास और बढ़ा है। अगर इस इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार इसी गति से चलता रहा, तो आने वाले वर्षों में सीएनजी वाहनों की मांग और बढ़ सकती है।
सीएनजी गाड़ियों का कॉमर्शियल और पैसेंजर सेगमेंट में बढ़ता कदम
भारत में कई प्रमुख कार कंपनियों ने सीएनजी वेरिएंट्स लॉन्च किए हैं। वर्तमान में, 30 से ज्यादा सीएनजी पैसेंजर व्हीकल मॉडल्स बाजार में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, कॉमर्शियल व्हीकल्स जैसे टैक्सी, बसें और ट्रक भी सीएनजी मोड में आ रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका कॉस्ट सेविंग्स की है, क्योंकि सीएनजी ईंधन की कीमत पेट्रोल और डीजल से कम होती है, जिससे वाहन मालिकों को अधिक लागत में बचत होती है। साथ ही, सीएनजी से निकलने वाले प्रदूषण की मात्रा भी कम होती है, जिससे यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प है।