3 New Expressways: ये 3 एक्सप्रेसवे प्रदेश की बदल देंगे अर्थव्यवस्था, इन राज्यों और जिलों के साथ बढ़ेगी कनेक्टिविटी
3 New Expressways: बिहार में हाईवे और एक्सप्रेसवे का नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है। बिहार में अनेक एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैं, जिनसे 20 से अधिक जिलों की तस्वीर बदलने वाली है। आज हम आपको तीन ऐसे एक्सप्रेसवे के बारे में बताएंगे जो बिहार और उत्तर भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे भारत सरकार वाराणसी को कोलकाता से जोड़ने जा रही है। जिसका एक बड़ा हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा। 610 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे की लागत 35,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है यह एक्सप्रेसवे बिहार में लगभग 187 किलोमीटर की दूरी तय करेगा, जिसमें कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास और गया जिले शामिल होंगे।
हल्दिया रक्सौल एक्सप्रेसवे एक एक्सप्रेसवे बिहार के रक्सौल जिले को बंगाल के हल्दिया से जोड़ रहा है। यह लगभग 650 किलोमीटर लंबी होगी और बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगी। इन नौ जिलों में बांका, जमुई, शेखपुरा, नालंदा, पटना, सारण, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं।
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गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से एक एक्सप्रेसवे द्वारा जोड़ा जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे का एक बड़ा हिस्सा बिहार से भी गुजरेगा। यह गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मोतिहारी, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज, अररिया और किशनगंज सहित 10 जिलों को जोड़ेगा। एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर होगी, जिसमें से 416 किलोमीटर हिस्सा बिहार से बाहर निकलेगा। इसकी कुल लागत लगभग 25,000 करोड़ रुपये है और यह 2025 में पूरा हो जाएगा।
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इन तीनों एक्सप्रेसवे से बिहार के रियल एस्टेट को फायदा होगा। जैसे ही राजमार्ग बनेगा, उसके आसपास की जमीन की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी। इसके अलावा जिन-जिन जिलों में भी देखने लायक चीजें हैं, वहां होटलों का निर्माण होगा तथा कई अन्य चीजें होंगी, जिनसे रोजगार पैदा हो सकता है। ये सभी विकास कार्य भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे।
