3 नए एक्सप्रेसवे से हरियाणा में सफर व विकास को लग जाएंगे चार चाँद! इन शहरों में रोजगार को मिलेगी तगड़ी रफ्तार
Haryana New Expressway: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में बन रहे जेवर एयरपोर्ट को एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने का दर्जा मिलने जा रहा है। अप्रैल 2025 में जब यह एयरपोर्ट कमर्शियल विमानों के लिए खुल जाएगा, तब दिल्ली-एनसीआर की तस्वीर बदलने वाली है। इस एयरपोर्ट का प्रभाव न केवल दिल्ली और नोएडा, बल्कि हरियाणा के फरीदाबाद पर भी पड़ेगा। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से फरीदाबाद में रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्री के विकास में तेजी आएगी, जो शहर को एक नई पहचान दिलाएगी।
हरियाणा के फरीदाबाद को दिल्ली एनसीआर का औद्योगिक केंद्र भी कहा जाता है। यहां कई आवासीय सोसायटी भी हैं। जेवर हवाई अड्डे के निर्माण के बाद फरीदाबाद में विकास का दायरा बढ़ेगा। जेवर एयरपोर्ट के कारण फरीदाबाद में निवेश, रोजगार के अवसर और बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से होगा।
जेवर हवाई अड्डा फरीदाबाद से 38 किमी दूर है। ऐसे में जेवर एयरपोर्ट के खुलने से फरीदाबाद में आवासीय और व्यावसायिक विकास को गति मिलेगी। जेवर हवाई अड्डे के साथ कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सरकार ने कई राजमार्गों को मंजूरी दी है।
सेक्टर 65 बल्लभगढ़ में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे इंटरचेंज का कार्य चल रहा है और जल्द ही पूरा हो जाएगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे इंटरचेंज डीएनडी और केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) को जोड़ेगा। इसके बन जाने पर फरीदाबाद और बल्लभगढ़ से नोएडा हवाई अड्डे तक की यात्रा मात्र 20 मिनट की रह जाएगी। आंकड़ों की मानें तो ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के खुलने से रोजाना कम से कम 26 लाख लोगों को फायदा होगा।
इसमें पहला नाम एफएनजी (फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद) का है। इससे न सिर्फ जेवर, बल्कि दिल्ली से फरीदाबाद पहुंचना भी आसान हो जाएगा। जेवर हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए दिल्ली-मथुरा एक्सप्रेसवे, फरीदाबाद-केएमपी एक्सप्रेसवे और एफएनजी एक्सप्रेसवे का निर्माण चल रहा है। इससे दिल्ली एनसीआर में यात्रा करना बहुत आसान हो जाएगा। वहीं, बेहतर सड़क संपर्क के कारण फरीदाबाद में कारोबार स्थापित करना आसान नहीं होगा।
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण फरीदाबाद के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव साबित होने वाला है। यह एयरपोर्ट न केवल दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा, बल्कि फरीदाबाद को भी एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और रेजिडेंशियल हब बना देगा। इसके कारण स्थानीय व्यापार, निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
