हरियाणा के इन जिलों की होने वाली चांदी, गुजरेंगे 3 नए हाईवे जमीनों के रेट में आएगा उछाल, जानें
Haryana News: हरियाणा और पंजाब में यातायात को सुगम बनाने तथा आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भारतमाला परियोजना के तहत तीन प्रमुख राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है। इन राजमार्गों के निर्माण से यात्रा आसान हो जाएगी, लेकिन भूमि की कीमतों में तेजी से वृद्धि होगी।
यदि आपके पास इन क्षेत्रों में जमीन है तो समझ लीजिए कि किस्मत आपका दरवाजा खटखटाने वाली है। आने वाले वर्षों में हरियाणा और पंजाब के कई जिलों की तस्वीर बदलने वाली है। आइये जानते हैं कि ये तीन राजमार्ग कौन से हैं और इनसे क्या लाभ होंगे।
पानीपत से डबवाली तक नया राजमार्ग लगभग 300 किलोमीटर लंबा होगा और चार लेन का होगा। राजमार्ग से डबवाली, कालांवाली, रोड़ी, सरदूलगढ़, हंसपुर, रतिया, भूना, सनियाना, उकलाना, लितानी, उचाना, नगूरां, असंध और सफीदों सहित कुल 14 शहरों और गांवों को सीधा लाभ मिलेगा।
नए राजमार्ग से लोगों के लिए दिल्ली, पंजाब और राजस्थान की यात्रा आसान हो जाएगी। यह सड़क ट्रकों, बसों और ट्रैक्टरों के लिए वरदान साबित होगी। कृषि उत्पादों का परिवहन तेज होगा और किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिलेंगे। इसके अलावा, राजमार्ग किनारे के गांवों में जमीन की कीमतें आसमान छू सकती हैं।
हिसार से रेवाड़ी तक का राजमार्ग हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक शहरों को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे गुरुग्राम, रोहतक, भिवानी-महेंद्रगढ़ और हिसार जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे अंबाला, चंडीगढ़ और पंजाब से संपर्क बेहतर होगा।
यह सड़क औद्योगिक क्षेत्र को एक नई दिशा देगी क्योंकि इससे हिसार, भिवानी और रेवाड़ी में नए कारखाने और व्यापार केंद्र विकसित होने की संभावना बढ़ेगी। छोटे व्यवसायों को भी प्रत्यक्ष लाभ होगा क्योंकि बाजार तक पहुंच पहले से कहीं अधिक आसान हो जाएगी। यदि आपके पास इस मार्ग पर जमीन है तो समझ लीजिए कि आपकी संपत्ति का मूल्य कई गुना बढ़ जाएगा।
दिल्ली से अंबाला तक का राजमार्ग यमुना नदी के किनारे बनाया जाएगा। इससे दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच यात्रा का समय लगभग 2 से 2.5 घंटे कम हो जाएगा। वर्तमान में दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचने में लगभग पांच घंटे लगते हैं, लेकिन नए राजमार्ग के निर्माण के बाद यह दूरी केवल तीन घंटे में तय हो जाएगी।
दिल्ली में बिजनेस मीटिंग हो या चंडीगढ़ में परिवार के साथ वीकेंड ट्रिप, अब सफर तेज होगा। होटल, शराबखाने और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। विशेष रूप से अंबाला, करनाल और पानीपत के होटल व्यवसायियों को इससे काफी लाभ होगा।
ये राजमार्ग परियोजनाएं किसानों के लिए सोने की खान साबित होंगी। आम यात्रियों के लिए ये जहां सुविधाजनक होंगी, वहीं किसानों और जमीन मालिकों के लिए ये किसी जैकपॉट से कम नहीं होंगी। राजमार्ग के दोनों ओर नए व्यावसायिक क्षेत्र, गोदाम और टाउनशिप परियोजनाओं के विकास के कारण भूमि की मांग बढ़ेगी।
वर्तमान में एक बीघा जमीन की कीमत 5 लाख रुपये है, जो अगले पांच वर्षों में 50 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। इसका मतलब यह है कि जो आज ट्रैक्टर चला रहा है, कल उसकी बारी मर्सिडीज खरीदने की होगी।
भारत सरकार ने इन राजमार्ग परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है और केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है। रिपोर्ट स्वीकृत होते ही टेंडर जारी कर दिए जाएंगे और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। सरकार का लक्ष्य इन राजमार्गों को अगले 3 वर्षों में पूरा करना है, ताकि हरियाणा और पंजाब की सड़कें विश्व स्तरीय बन सकें।
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