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मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे की 5 ऐसी खूबिया जो आपको कर देगी हैरान, नितिन गडकरी ने ट्वीट द्वारा दी जानकारी 

 
Mumbai-Delhi Expressway:

Mumbai-Delhi Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी यानि आज दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली-दौसा-लालसोट तक इसका पहला भाग तैयार हो चुका है। 246 किमी लम्बाई दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। उदघाटन के बाद शनिवार से ही दिल्ली और जयपुर के बीच की शुरुआत हो जाएगी। 1,386 किलोमीटर लंबाई वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है।

कीर्तिमान बनाने के मामले में यह सिर्फ देश में ही नहीं, दुनिया में भी आगे है। जानिए, मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे वो खूबसूरतियां जिन्होंने इसे दुनिया के सबसे आधुनिक इलेक्ट्रानिक में शामिल किया है और किसने सा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।

1- पहली बात वर्ल्ड रिकॉर्ड की

केंद्रीय परिवहन मंत्री परिवहन मंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को शानदार उपलब्धि बताते हुए ट्विटर पर लिखा, इसके निर्माण के दौरान दो रिकॉर्ड बने। सबसे पहले, 4 लेन के इस एक्सप्रेस-वे को 24 घंटे में 2.5 किमी तक बिछाया गया। दूसरा- 50 किमी के सिंगल लेन में 100 घंटे में सबसे ज्यादा मात्रा में चारकोल का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। इस एक्सप्रेस-वे को तैयार करने में 25 लाख टन चारकोल का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 4000 प्रशिक्षण प्रशिक्षकों को इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगाया गया था।

2- 94 तरह की अद्भुत वस्तु

आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स में लिमिटेड दवाइयाँ दी जाती हैं। जैसे- फ़्यूल सेवा, लेकिन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में दुनिया के कई आधुनिक आविष्कार शामिल हो गए हैं। पूरे प्रॉमिस में 94 तरह की नौकरियाँ। इसमें एटीएम, रेडियो स्टेशन, रेस्तरां, डॉमेट्री, हॉस्पिटल, फूड कोर्ट, फ़्यूल स्टेशन सहित कई तरह के सामान उपलब्ध होंगे।

3- एशिया का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेस-वे देश के पांच राज्यों से गुजरेगा। दिल्ली के बाद सबसे पहले हरियाणा में प्रवेश हुआ। इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात होते हुए महाराष्ट्र में प्रवेश द्वार बने। इन राज्यों में प्रवेश के दौरान रिजर्व फॉरेस्ट और बोल्ट को कोई नुकसान न हो, इस पर भी ध्यान दिया गया है। जैसे- रणथंभौर में नेशनल पब्लिक प्राइवेट लिमिटेड ऑफ इंडिया ने शेयरों पर रोक लगाने के लिए कई अंडरपास और ओवरपास बनाए हैं। एचटी ऑटो की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा करने वाला यह एशिया का पहला एक्सप्रेसवे है।इतना ही नहीं, इस एक्सप्रेसवे के रास्ते में दो टनल हैं जो राजस्थान के मुकंदरा सेंचुरी और महाराष्ट्र के इको-सेंस रेंटिक जोन से जिज्ञासु क्षेत्र हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। दन्चाए.
4- आठ गैलरी वाला हाइवे जिसमें 12 में प्लॉट किया गया
पूरा एक्सप्रेस वे 8 लाइन का है, लेकिन भविष्य में इसमें 12 बच्चों का ध्यान रखा गया है। यह देश का सबसे आम ऑनलाइन उपकरण से एक है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि पूरी दुनिया में इतना भारी 12 लेन का हाईवे कहीं नहीं है। यहां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की इंटरव्यू से कार निकाली जा सकती है। यह दिल्ली-मुंबई के बीच कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत को जोड़ने का काम करता है।

5- हरा ऊर्जा वाला इलेक्ट्रिक

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर रोक लगाने और देश में जीरो कार्बन की नीति पर ध्यान देने की बात कही गई है, यहां हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा। एक्सप्रेसवे में करीब 20 लाख पेड़ पौधे जा रहे हैं। इस एक्सप्रेसवे में सौर ऊर्जा और राज्य किरायेदार दोनों का उपयोग किया गया है। इसके अलावा कहा जा रहा है कि यहां भविष्य में ट्रेन/ट्राम की कारों पर बिजली से खींची जाएगी। जिससे कई तरह से राहत मिलती है।