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यूपी वालों की हो गई मौज, नई गई 525.6 किमी लंबे एक्सप्रेसवे  की मंजूरी 

केंद्र सरकार ने बिहार में 525.6 किमी लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की मंजूरी दी हैं, इस एक्सप्रेसवे का आधे से ज्यादा हिस्सा  417 किमी लंबा बिहार में बनेगा. इस एक्सप्रेसवे पर सीएम योगी ने 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने की सुविधा दी हैं। यह बिहार का तीसरा स्वीकृत एक्सप्रेस-वे होगा जो वाराणसी-कोलकाता और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के बाद मंजूरी प्राप्त कर रहा है.
 
यूपी वालों की हो गई मौज, नई गई 525.6 किमी लंबे एक्सप्रेसवे  की मंजूरी 

New Expressway: केंद्र सरकार ने बिहार में 525.6 किमी लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की मंजूरी दी हैं, इस एक्सप्रेसवे का आधे से ज्यादा हिस्सा  417 किमी लंबा बिहार में बनेगा. इस एक्सप्रेसवे पर सीएम योगी ने 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने की सुविधा दी हैं। यह बिहार का तीसरा स्वीकृत एक्सप्रेस-वे होगा जो वाराणसी-कोलकाता और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के बाद मंजूरी प्राप्त कर रहा है.

यह सड़क उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ते हुए यातायात समय और लागत दोनों को कम करेगी. बिहार में यह सड़क पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे जिलों से गुजरेगी. इससे इन क्षेत्रों में औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन गतिविधियों को बल मिलेगा. रामजानकी मार्ग के अंतर्गत मशरख से चकिया और फिर भिट्ठा मोड़ तक की सड़क को फोरलेन बनाने की योजना है.

इसकी बिहार में लंबाई 251 किमी और उत्तर प्रदेश में 185.5 किमी है, जिसकी अनुमानित लागत 7,269 करोड़ रुपये है. इसकी डिज़ाइन स्पीड 100 किमी/घंटा रखी गई है. सड़क परियोजना में 103 किमी हरित क्षेत्र और 42 किमी वर्तमान अलाइनमेंट पर निर्माण प्रस्तावित है. डुमरसन, केसरिया, चकिया-मधुबन, नया गांव शिवहर, बथनाहा-कुमहां और सुरसंड में बायपास भी बनाए जाएंगे.दोनों परियोजनाओं के 21.6 किमी हिस्से का अलाइनमेंट समानांतर चलेगा.

इसके लिए 521.44 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसकी लागत 2,731 करोड़ रुपये होगी. इस संयुक्त परियोजना में 7 बड़े पुल, 43 छोटे पुल, 6 वायाडक्ट्स, 6 आरओबी और 28 वीयूपी शामिल होंगे. यह परियोजनाएं न केवल बिहार की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी बल्कि आर्थिक विकास, कृषि बाजारों और पर्यटन को भी नई दिशा देंगी.