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719 KM लंबा हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेस-वे बनेगा 2028 तक, शाम्हो पुल भी होगा शामिल, जानें इसके बारे में सबकुछ 

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेस-वे परियोजना के डीपीआर (Detailed Project Report) को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना करीब 60,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी और 719 किलोमीटर लंबी छह लेन की हाई-स्पीड सड़क का निर्माण होगा।
 
 Haldia Raxaul Expressway

 Haldia Raxaul Expressway: केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेस-वे परियोजना के डीपीआर (Detailed Project Report) को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना करीब 60,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी और 719 किलोमीटर लंबी छह लेन की हाई-स्पीड सड़क का निर्माण होगा।

इसका लक्ष्य वर्ष 2028 तक परियोजना को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करना है। इसमें बेगूसराय और सूर्यगढ़ा के बीच गंगा नदी पर पुल का निर्माण भी शामिल है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह निर्माण बेगूसराय के बीच शाम्हो सूर्यगढ़ा से होकर होगा या डायवर्ट होकर शाम्हो का निर्माण सीधे बेगूसराय और सूर्यगढ़ा के बीच किया जाएगा। इसे लेकर शाम्हो निवासियों में थोड़ी निराशा है।

शाम्हो भाजपा मंडल अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि एनडीए सरकार विकास कार्यों में हर दिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। उन्होंने इस परियोजना को मंजूरी दिलाने में मदद करने के लिए बेगूसराय, लखीसराय जिले के होनहार लोगों को बधाई दी। बेगूसराय-शाम्हो पुल के बारे में अब तक की बात करें तो तत्कालीन राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने 2019 में आवाज उठाई थी। 

राकेश सिन्हा ने 6 दिसंबर 2019 को नितिन गडकरी से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा था। 12 जनवरी 2019 को पत्र समर्पित किया गया। 8 जनवरी 2020 को व्यवहार्यता रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। 10 जनवरी 2020 को नितिन गडकरी ने फंडिंग की मंजूरी के लिए पत्र भेजा। पहली डीपीआर 1 जनवरी 2020 को तैयार की गई। दूसरी डीपीआर 12 जुलाई 2021 को तैयार की गई। 

इस धीमी योजना को गति देने के लिए सांसद राकेश सिन्हा ने 2023 में फिर से राज्यसभा में आवाज उठाई। 3 जनवरी 2023 को गजट में शाम्हो-मटिहानी पुल की घोषणा की गई। 11 मई 2024 को चुनावी भाषण में आश्वासन दिया गया कि दो महीने के अंदर शाम्हो मटिहानी पुल का काम शुरू हो जाएगा। 

2025 में शाम्हो मटिहानी पुल को रक्सौल हल्दिया हाईवे परियोजना का हिस्सा बना दिया। सरकार को चाहिए कि वह स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए शाम्हो को परियोजना में शामिल करने को लेकर जल्द स्पष्टता लाए। सामूहिक विकास ही इस मेगा प्रोजेक्ट की असली सफलता होगी।