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बेंगलुरु में सफर होगा सुहाना, इस महीने में तैयार हो जाएगा 71 किलोमीटर लंबा ग्रीन एक्सप्रेसवे

NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी (कर्नाटक) विलास पी. ब्रह्मणकर ने मनीकंट्रोल को बताया "400 मीटर के सेक्‍शन को छोड़कर BCE के कर्नाटक सेक्‍शन (होसकोटे से बेथमंगला) पर काम पूरा हो चुका है. होसकोटे के पास जिन्नागेरा क्रॉस पर एक मंदिर को हटाए जाने के मामले के चलते इस 400 मीटर के सेक्‍शन पर काम में देरी हुई है. इस मंदिर को दो हफ्ते पहले दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. 
 
बेंगलुरु में सफर होगा सुहाना, इस महीने में तैयार हो जाएगा 71 किलोमीटर लंबा ग्रीन एक्सप्रेसवे

Bengaluru-Chennai Expressway : NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी (कर्नाटक) विलास पी. ब्रह्मणकर ने मनीकंट्रोल को बताया "400 मीटर के सेक्‍शन को छोड़कर BCE के कर्नाटक सेक्‍शन (होसकोटे से बेथमंगला) पर काम पूरा हो चुका है. होसकोटे के पास जिन्नागेरा क्रॉस पर एक मंदिर को हटाए जाने के मामले के चलते इस 400 मीटर के सेक्‍शन पर काम में देरी हुई है. इस मंदिर को दो हफ्ते पहले दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. 

अब हम एक महीने में पूरा काम पूरा कर लेंगे." उन्होंने बताया, "टोल कलेक्शन पर भी अभी फैसला होना बाकी है. हमें अभी टोल दरों को अंतिम रूप देना है. अगले साल आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में सेक्शन पूरा होने के बाद एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बढ़ जाएगा. कर्नाटक सेक्शन के पूरी तैयार होने के बाद बेंगलुरु के लोग इस 71 किलोमीटर के सेक्‍शन का इस्तेमाल मलूर और बंगारपेट जैसी जगहों पर जाने के लिए कर सकेंगे." एक्सप्रेसवे के होसकोटे में अपने स्टार्टिंग प्वाइंट पर इंटरचेंज होंगे, जो बेंगलुरु सैटेलाइट रिंग रोड से जुड़ेगा. साथ ही मलूर और केजीएफ में एडिशनल इंटरचेंज होंगे. 

यहां मैक्सिमम स्पीड लिमिट 120 किमी प्रति घंटा होगी. मौजूदा हाईवे के जरिये होसकोटे से केजीएफ शहर तक यात्रा में लगने वाले 1.5 घंटे के समय की तुलना में का समय घटकर 45 मिनट रह जाने की उम्मीद है. BCE दक्षिण भारत का ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे (एनई-7) है, जो बेंगलुरु के पास होसकोटे से शुरू होकर चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में समाप्त होता है. 

चार लेन के एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे से बेंगलुरु और चेन्नई के बीच सफर का समय घटकर सिर्फ चार घंटे रह जाने की उम्मीद है. इससे होसकोटे पहुंचने में लगभग 1.30 घंटे लगेंगे, जो बेंगलुरु से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है. होसकोटे से एक्सप्रेसवे के जरिए श्रीपेरंबदूर तक की यात्रा में तीन घंटे से भी कम समय लगेगा. 

एक्सप्रेसवे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से होकर गुजरेगा. भविष्य में आठ लेन के एक्सप्रेसवे तक विस्तार के प्रावधानों के साथ इस प्रोजेक्ट को NHAI हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बना रहा है. इस एक्‍सप्रेसवे प्रोजेक्ट की घोषणा 2011 में की गई, जबकि इसकी आधारशिला 2022 में रखी गई. पूरे कॉरिडोर के लिए शुरू में अक्टूबर 2024 की समय सीमा तय की गई थी, जिसे जून 2025 तक बढ़ा दिया गया था.

अब BCE के दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है एक अधिकारी ने बताया “इसे 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इससे बेंगलुरु और चेन्नई के बीच की दूरी लगभग 350 किमी से घटकर 260 किमी रह जाएगी. यात्रा का समय 2.5 से 3 घंटे के बीच होगा.” मौजूदा समय में, बेंगलुरु और चेन्नई को जोड़ने वाले तीन मार्ग हैं. इनमें पहला होसुर और कृष्णगिरि (स्वर्णिम चतुर्भुज) मार्ग है, जो सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली सड़क है. 

यह लगभग 380 किलोमीटर लंबा मार्ग है. दूसरा रास्ता ओल्ड मद्रास रोड का है, जो कोलार और चित्तूर से होकर गुजरती है, जो 340 किमी की दूरी तय करती है. बेंगलुरु से चेन्नई का तीसरा मार्ग कोलार, केजीएफ, वी कोटा और वेल्लोर से होकर जाता है. BCE के एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर बनने की उम्मीद है, जिससे माल की आवाजाही में तेजी आएगी और चेन्नई बंदरगाह (पोर्ट) से कनेक्टिविटी में सुधार होगा. अधिकारी ने कहा, "यह डॉब्सपेट में प्रस्तावित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क से जुड़ेगा, जो BCE से एनएच 207 या बेंगलुरु सैटेलाइट रिंग रोड के माध्यम से भी एक्‍सेसबल है."