राजस्थान में 8 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, विदेश में पढ़ाई के जाली दस्तावेज लगाकर बने थे डॉक्टर
Rajatshan News : स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित जांच कमेटी ने ऐसे 8 फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा है। इनमें शुभम गुर्जर, इंद्रराज सिंह गुर्जर, विजय सैनी, नफीस खान, देवेंद्र सिंह, सतेंद्र सिंह गुर्जर, अभिषेक कुमार और शेख आरिफ इकबाल शामिल हैं। इन्होंने विदेश से एमबीबीएस के सर्टिफिकेट लगाए थे और आरएमसी ने बिना वेरिफिकेशन इनका रजिस्ट्रेशन भी कर दिया। विभाग अब पता लगा रहा है कि ये फर्जी डॉक्टर कहां प्रैक्टिस कर रहे थे।
मालूम हो कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 1 अक्टूबर को फर्जी डॉक्टरों पर भास्कर के खुलासे के बाद 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था।भारत में परीक्षा पास नहीं की, फिर भी बना दिए डॉक्टर आरएमसी ने जिन 8 फर्जी डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया है वो सभी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट कैटेगरी के हैं। इन्होंने अलग-अलग तरह के जाली दस्तावेज लगाकर रजिस्ट्रेशन करवाया। इनमें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास करने का सर्टिफिकेट भी शामिल है। बता दें कि दूसरे देशों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
बिना इसके न तो किसी भी राज्य की काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होता है और न ही किसी भी तरह का इलाज करने की अनुमति होती है। फिर भी आरएमसी ने रजिस्ट्रेशन कर प्रैक्टिस करने का लाइसेंस दे दिया।इससे पहले बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व हरियाणा के जाली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व एनओसी से ऐसे लोगों को डॉक्टर बनाया गया जिन्होंने मेडिकल की पढ़ाई ही नहीं की थी। इन पर मुकदमें दर्ज हुए हैं।निलंबित रजिस्ट्रार डॉ. शर्मा के समय में ही विदेश से पढ़ाई वाले 6 का रजिस्ट्रेशन हुआ इन 8 फर्जी डॉक्टरों में से 6 का रजिस्ट्रेशन डॉ. राजेश शर्मा के आरएमसी रजिस्ट्रार रहते हुआ है।
अन्य दो का 2013 में किया गया। भास्कर ने जिन 8 फर्जी डॉक्टरों का खुलासा किया था उनमें भी 7 का रजिस्ट्रेशन डॉ. राजेश के कार्यकाल में हुआ था। खबर प्रकाशित होने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। डॉ. राजेश ने भास्कर के स्टिंग में स्वीकार किया कि आरएमसी में फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने खबर नहीं छापने के बदले रिपोर्टर को 10 लाख रुपए का ऑफर भी दिया।अभी और निकलेंगे फर्जी डॉक्टर, कमेटी की पड़ताल में कई अन्य संदेहास्पद मामले मिले फर्जी डॉक्टरों की फेहरिस्त लंबी होना तय है, क्योंकि कमेटी की पड़ताल अभी पूरी नहीं हुई है।
जांच में दूसरे राज्यों की काउंसिल के कागजातों से रजिस्ट्रेशन के कई संदेहास्पद मामले सामने आए हैं। इनका वेरिफिकेशन अंतिम चरण में है। बता दें कि कमेटी में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी रहे महिपाल सिंह, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, वित्तीय सलाहकार वीना गुप्ता व एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह शामिल हैं।