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8th Pay Commission: कर्मचारियों की होने वाली बल्ले-बल्ले, सेलरी में 8पे के बाद 50% होगी बढ़ोतरी! जानें कौन सा लागू होगा फॉर्मूला

 
 
सेलरी

8th Pay Commission: दिसंबर के अंत में 7वें वेतन आयोग की समाप्ति और जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले वेतन पेंशन गणना और फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी नये वेतन आयोग से अपने वेतन और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।

दरअसल, 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होना है। अप्रैल से तैयारियां शुरू होने की उम्मीद यदि किसी कारणवश 8वें वेतन आयोग के क्रियान्वयन में देरी होती है तो केन्द्र सरकार 1 जनवरी, 2014 से बकाया राशि का भुगतान करेगी।

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फिटमेंट फैक्टर और वेतन गणना 8वें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जो कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण गुणक के रूप में कार्य करता है।

सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था, जिससे 23.55 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई, यानी न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया। इस प्रकार, डीए, मकान किराया भत्ता और परिवहन भत्ता जोड़ने के बाद कुल वेतन 36,020 रुपये था।

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ऐसी संभावना है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय किया जा सकता है, जिससे वेतन में 30-50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा।

वेतन के साथ-साथ विभिन्न भत्ते जैसे डीए, एचआरए, टीए, मेडिकल, शिक्षा आदि में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। यदि 1.92 का फिटमेंट फैक्टर होता है, तो न्यूनतम वेतन में 92% की वृद्धि होगी और यह 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर क्यों महत्वपूर्ण है?

केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन के निर्धारण में फिटमेंट फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुराने मूल वेतन से संशोधित मूल वेतन की गणना की जाती है।

राष्ट्रीय परिषद-संयुक्त परामर्शदात्री मशीनरी (एनसी-जेसीएम) ने कम से कम 2.57 (जो कि 7वें वेतन आयोग के समान है) या उससे अधिक के फिटमेंट फैक्टर की मांग की है।

सातवें वेतन आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर की वजह से वेतन और पेंशन में 157% की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। उदाहरण के लिए, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर का मतलब है 257% वेतन वृद्धि। न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह बढ़कर 46,260 रुपये हो जाएगा, यहां तक ​​कि 9,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन भी बढ़कर 23,130 रुपये हो जाएगी।