ग्वालियर से आगरा तक बनेगा शानदार एक्सप्रेस-वे, मिलेगा समय की बचत और कनेक्टिविटी में सुधार
New Exspressway : भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा की सुविधा को बढ़ाने के लिए ग्वालियर से आगरा तक बनने वाले ग्रीनफील्ड सिक्स लेन एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा। इस 4263 करोड़ रुपये के बड़े प्रोजेक्ट को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया है, और अब काम की शुरुआत अक्टूबर 2024 से होने की संभावना है।
एक्सप्रेस-वे के प्रमुख विवरण
लंबाई: 88.4 किलोमीटर
लागत: ₹4263 करोड़
सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे: अत्याधुनिक सुविधा
निर्माण समय: 30 माह (2.5 साल)
टेंडर में भाग लेने वाली कंपनियां: 10 प्रमुख कंपनियां
टेंडर प्रक्रिया और प्रगति
एनएचएआई ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 5 जनवरी 2024 को टेंडर जारी किया था, और 25 फरवरी 2024 को इन टेंडरों को खोला गया। इन टेंडरों में भारत की प्रमुख निर्माण कंपनियों ने भाग लिया, जिनमें दिलीप बिल्डकान, पीएनसी इंफ्राटेक, अदाणी इंटरप्राइजेज, आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और वेलस्पान इंटरप्राइजेज जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। अब 12 मार्च तक तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन पूरा कर कार्यादेश जारी किया जाएगा।
निर्माण कार्य की शुरुआत और समय सीमा
टेंडर प्रक्रिया के बाद, चयनित कंपनी को 6 महीने का समय संसाधन जुटाने के लिए दिया जाएगा, और अक्टूबर 2024 से काम की शुरुआत की जाएगी। हालांकि, कुछ कंपनियां इस अवधि को बढ़ाकर तीन साल करने की मांग कर रही थीं, लेकिन एनएचएआई ने इसे स्वीकार नहीं किया। निर्माण कार्य के दौरान, वर्तमान आगरा-ग्वालियर फोरलेन हाइवे की मरम्मत भी की जाएगी, ताकि यातायात की समस्या का समाधान हो सके।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में शामिल प्रमुख बिंदु
8 बड़े पुल
23 छोटे पुल
1 रेल ओवरब्रिज
6 फ्लाईओवर
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ताज ट्रेपेजियम (टीटीजेड) जोन में 650 पेड़ों की कटाई की अनुमति प्राप्त होगी। पहले 755 पेड़ों की कटाई की योजना थी, लेकिन अब इसे घटाकर 650 पेड़ कर दिया गया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति ली जाएगी।
प्रोजेक्ट का लाभ और प्रभाव
ग्वालियर और आगरा के बीच यात्रा का समय इस एक्सप्रेस-वे के बनने से काफी कम हो जाएगा।यह एक्सप्रेस-वे दोनों शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे वाणिज्यिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी।पेड़ों की कटाई और पर्यावरणीय असर को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
