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तीन करोड़ की लागत से UP के इस शहर मे बनेगा नया बस स्टैंड, योगी सरकार ने जारी किया बजट 

 
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UP News : गोरखपुर प्रशासन ने लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से शहर को नौसदर बस स्टेशन से बाहर निकाला और वाराणसी और रेल मार्गों पर यात्रा का संचालन शुरू किया, जिससे शहर जाम हो गया। यह व्यवस्था माह भर ही चल रही है। अब यहां हैं कार और निजी स्वामित्व वाली दुकानें। वहीं, कोचिंग स्कूल बस स्टेशन से पूर्व की तरह फिर से चल रहे हैं। इस सड़क पर रेलवे स्टेशन पर सामान का जामवड़ा बन गया है, जिससे सामान जाम होने की समस्या बनी हुई है।

रोडवेज की कोई बस नौसदर बस स्टेशन परिसर में दोपहर दो बजे तक खड़ी नहीं थी। आठ से दस ऑटो बस स्टेशन पहले प्रवेश द्वार से दूसरे प्रवेश द्वार तक थे। दो निजी बस स्टेक वाली जगह भी। परिचालक-सवारियाँ कार में सवार थे। जब बस काशी डिपो पर नौसेना, रोडवेज का एक कर्मचारी बाहर निकला और निजी बस चालक को बस को आगे बढ़ाने को कहा गया। इसके बावजूद, वह बस लगभग दस मिनट तक टिकी रही।

बस में सवार लोगों को छोड़ दिया गया। बस को आगे बढ़ा दिया गया। बाद में यहां काशी डिपो की बस स्टेक हुई। हालाँकि बस स्टेशन सम्मिलित सवारियों से भरा हुआ था, वहाँ कोई किनारा नहीं था। वहां पर बस का इंतजार सिर्फ दो लोग कर रहे थे। उस समय एक यात्री ने राकेश ऑवर को बताया कि वह लगभग एक बस स्टेशन से बाहर है, लेकिन डेकॉर की बस नहीं है।

3:00 बजे व्हीलचेयर बस स्टेशन पर ऑटो और ई-कैरिकेशन का जमावड़ा था, लेकिन कोलंबो नहीं था। ऐसे अंबेडकर चौक से छात्रसंघ चौक की ओर जा रहे लोगों को मुश्किल हुई। श्रमिक बस स्टेशन से बस फिर से चलती पर श्रमिक खुशियां दिखाई देती थीं। उनका कहना था कि उनकी दुकान फ़ोर्स ऑपरेशन नौसादर से बंद हो गई थी। राप्तीनगर डिपो के एआरएम एके सिंह ने बताया कि नौसद से रोडवेज तक प्रभावित हुए थे, इसलिए मुख्यालय के निर्देशानुसार आश्रम बस स्टेशन से फिर से स्थान बनाया जा रहा है।