राजस्थान में पेंशन न आने से इतने लाख बुजुर्गों के खाते हुए खाली, जानिए कब आएगी पेंशन
Rajatshan News : राजस्थान में सब एक ही समस्या से परेशान हैं कि उनकी पेंशन किसी न किसी कारण से सरकारी फाइलों में अटक गई है. कई लोगों को कागजों में मृत मान लिया गया, तो कई लोगों का डाटा मैच नहीं करने की वजह से पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. दफ्तर की खाक छानकर लोग थक गये हैं, लेकिन अधिकारी पेंशनर्स की समस्या हल नहीं कर पा रहे.,राजस्थान में 90.8 लाख पेंशन लेने वाले बुजुर्ग हैं, जिनमें से 13.5 लाख लोगों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. रिकॉर्ड बताते हैं कि कई लोगों की पेंशन रद्द कर दी गई है. इसकी अलग-अलग वजह हैं, जैसे किसी जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर देना.
केवाईसी पूरा न करना और लोगों को राजस्थान में रहने के बावजूद किसी अन्य राज्य का निवासी घोषित कर देना. टाइम्स ऑफ इंडिया ने राजस्थान में गरीब और निर्भर लोगों को मिलने वाली पेशन योजना के लंबित मामलों पर नजर डाली तो कई गंभीर मामले सामने आए. जैसे मजदूर किसान शक्ति संगठन – एक नागरिक समाज समूह, ने दावा किया है कि पेंशन पोर्टल पर आधार या अन्य जानकारी गलत दर्ज की गई हैं.
इसके साथ ही फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और चेहरे की पहचान जैसे बायोमेट्रिक तरीकों का उपयोग करके बुजुर्गों और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों की पहचान वैरिफिकेशन करने में गड़बड़ी की वजह से ऐसा हो रहा है.एमकेएसएस के मुताबिक, अकेले ब्यावर में शिविर में शामिल हुए 244 पेंशनभोगियों में से 88 लोगों की पेंशन गलत तरीके से राज्य से बाहर का रहने वाला बताकर रोक दी गई. इनमें से 39 की पेंशन सही कर दी गई, जबकि बाकी लंबित हैं.
चार लोगों की पेंशन गलत तरीके से ‘मृत’ घोषित कर रद्द कर दी गई. अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) कुलदीप रांका ने कहा कि गलतियों को सुधारना एक सतत प्रक्रिया है. विभाग ने इस साल सुधार करके 9,688 लाभार्थियों की पेंशन बहाल की है. उन्होंने कहा कि, गलतियां सत्यापन के समय ई-मित्रों (यानी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म) के स्तर पर होती हैं या जब पेंशनभोगी कई बार कॉलम गलत भर देते हैं तब ऐसा होता है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम और बीडीओ के स्तर पर सुधार किये जाते हैं.